मन पछितैहै अवसर बीते -तुलसीदास: Difference between revisions
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मन पछितैहै अवसर बीते। | मन पछितैहै अवसर बीते। | ||
दुर्लभ देह पाइ हरिपद भजु, करम, बचन अरु | दुर्लभ देह पाइ हरिपद भजु, करम, बचन अरु हीते॥1॥ | ||
सहसबाहु, दसबदन आदि नप बचे न काल बलीते। | सहसबाहु, दसबदन आदि नप बचे न काल बलीते। | ||
हम हम करि धन-धाम सँवारे, अंत चले उठि रीते॥२॥ | हम हम करि धन-धाम सँवारे, अंत चले उठि रीते॥२॥ |
Revision as of 09:49, 1 November 2014
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मन पछितैहै अवसर बीते। |
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