देव! दूसरो कौन दीनको दयालु -तुलसीदास: Difference between revisions

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देव! दूसरो कौन दीनको दयालु।
देव! दूसरो कौन दीनको दयालु।
सीलनिधान सुजान-सिरोमनि,
सीलनिधान सुजान-सिरोमनि,
सरनागत-प्रिय प्रनत-पालु॥१॥
सरनागत-प्रिय प्रनत-पालु॥1॥
को समरथ सर्बग्य सकल प्रभु,
को समरथ सर्बग्य सकल प्रभु,
सिव-सनेह मानस-मरालु।
सिव-सनेह मानस-मरालु।

Revision as of 09:48, 1 November 2014

देव! दूसरो कौन दीनको दयालु -तुलसीदास
कवि तुलसीदास
जन्म 1532
जन्म स्थान राजापुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1623 सन
मुख्य रचनाएँ रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
तुलसीदास की रचनाएँ

देव! दूसरो कौन दीनको दयालु।
सीलनिधान सुजान-सिरोमनि,
सरनागत-प्रिय प्रनत-पालु॥1॥
को समरथ सर्बग्य सकल प्रभु,
सिव-सनेह मानस-मरालु।
को साहिब किये मीत प्रीतिबस,
खग निसिचर कपि भील-भालु॥२॥
नाथ, हाथ माया-प्रपंच सब,
जीव-दोष-गुन-करम-कालु।
तुलसीदास भलो पोच रावरो,
नेकु निरखि कीजिये निहालु॥३॥

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