देव! दूसरो कौन दीनको दयालु -तुलसीदास: Difference between revisions
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सीलनिधान सुजान-सिरोमनि, | सीलनिधान सुजान-सिरोमनि, | ||
सरनागत-प्रिय प्रनत- | सरनागत-प्रिय प्रनत-पालु॥1॥ | ||
को समरथ सर्बग्य सकल प्रभु, | को समरथ सर्बग्य सकल प्रभु, | ||
सिव-सनेह मानस-मरालु। | सिव-सनेह मानस-मरालु। |
Revision as of 09:48, 1 November 2014
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देव! दूसरो कौन दीनको दयालु। |
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