अमर स्पर्श -सुमित्रानंदन पंत: Difference between revisions
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व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "वीणा, पल्लव, चिदंबरा, युगवाणी, लोकायतन, हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, युगपथ, स्वर्णकिरण) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " जगत " to " जगत् ") |
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उर रहे प्रीति में चिर तन्मय! | उर रहे प्रीति में चिर तन्मय! | ||
जो नित्य अनित्य | जो नित्य अनित्य जगत् का क्रम, | ||
वह रहे, न कुछ बदले, हो कम, | वह रहे, न कुछ बदले, हो कम, | ||
हो प्रगति ह्रास का भी विभ्रम, | हो प्रगति ह्रास का भी विभ्रम, |
Latest revision as of 13:53, 30 June 2017
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खिल उठा हृदय, |
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