देव! दूसरो कौन दीनको दयालु -तुलसीदास: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "१" to "1") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "२" to "2") |
||
Line 37: | Line 37: | ||
सिव-सनेह मानस-मरालु। | सिव-सनेह मानस-मरालु। | ||
को साहिब किये मीत प्रीतिबस, | को साहिब किये मीत प्रीतिबस, | ||
खग निसिचर कपि भील- | खग निसिचर कपि भील-भालु॥2॥ | ||
नाथ, हाथ माया-प्रपंच सब, | नाथ, हाथ माया-प्रपंच सब, | ||
जीव-दोष-गुन-करम-कालु। | जीव-दोष-गुन-करम-कालु। |
Revision as of 10:03, 1 November 2014
| ||||||||||||||||||
|
देव! दूसरो कौन दीनको दयालु। |
संबंधित लेख |