माधवजू मोसम मंद न कोऊ -तुलसीदास: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "१" to "1") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "२" to "2") |
||
Line 34: | Line 34: | ||
जद्यपि मीन पतंग हीनमति, मोहि नहिं पूजैं ओऊ॥1॥ | जद्यपि मीन पतंग हीनमति, मोहि नहिं पूजैं ओऊ॥1॥ | ||
रुचिर रूप-आहार-बस्य उन्ह, पावक लोह न जान्यो। | रुचिर रूप-आहार-बस्य उन्ह, पावक लोह न जान्यो। | ||
देखत बिपति बिषय न तजत हौं ताते अधिक | देखत बिपति बिषय न तजत हौं ताते अधिक अयान्यो॥2॥ | ||
महामोह सरिता अपार महँ, संतत फिरत बह्यो। | महामोह सरिता अपार महँ, संतत फिरत बह्यो। | ||
श्रीहरि चरनकमल-नौका तजि फिरि फिरि फेन गह्यो॥३॥ | श्रीहरि चरनकमल-नौका तजि फिरि फिरि फेन गह्यो॥३॥ |
Revision as of 10:03, 1 November 2014
| ||||||||||||||||||
|
माधवजू मोसम मंद न कोऊ। |
संबंधित लेख |