राम-पद-पदुम पराग परी -तुलसीदास: Difference between revisions

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राम-पद-पदुम पराग परी।
राम-पद-पदुम पराग परी।
ऋषि तिय तुरत त्यागि पाहन-तनु छबिमय देह धरी॥१॥
ऋषि तिय तुरत त्यागि पाहन-तनु छबिमय देह धरी॥1॥
प्रबल पाप पति-साप दुसह दव दारुन जरनि जरी।
प्रबल पाप पति-साप दुसह दव दारुन जरनि जरी।
कृपा-सुधा सिंचि बिबुध बेलि ज्यों फिरि सुख-फरनि फरी॥२॥
कृपा-सुधा सिंचि बिबुध बेलि ज्यों फिरि सुख-फरनि फरी॥२॥

Revision as of 09:48, 1 November 2014

राम-पद-पदुम पराग परी -तुलसीदास
कवि तुलसीदास
जन्म 1532
जन्म स्थान राजापुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1623 सन
मुख्य रचनाएँ रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
तुलसीदास की रचनाएँ

राम-पद-पदुम पराग परी।
ऋषि तिय तुरत त्यागि पाहन-तनु छबिमय देह धरी॥1॥
प्रबल पाप पति-साप दुसह दव दारुन जरनि जरी।
कृपा-सुधा सिंचि बिबुध बेलि ज्यों फिरि सुख-फरनि फरी॥२॥
निगम अगम मूरति महेस मति जुबति बराय बरी।
सोइ मूरति भइ जानि नयन-पथ इकटकतें न टरी॥३॥
बरनति ह्रदय सरूप सील गुन प्रेम-प्रमोद भरी।
तुलसीदास अस केहि आरतकी आरति प्रभु न हरी॥४॥

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