माधवजू मोसम मंद न कोऊ -तुलसीदास: Difference between revisions
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देखत बिपति बिषय न तजत हौं ताते अधिक अयान्यो॥2॥ | देखत बिपति बिषय न तजत हौं ताते अधिक अयान्यो॥2॥ | ||
महामोह सरिता अपार महँ, संतत फिरत बह्यो। | महामोह सरिता अपार महँ, संतत फिरत बह्यो। | ||
श्रीहरि चरनकमल-नौका तजि फिरि फिरि फेन | श्रीहरि चरनकमल-नौका तजि फिरि फिरि फेन गह्यो॥3॥ | ||
अस्थि पुरातन छुधित स्वान अति ज्यों भरि मुख पकरै। | अस्थि पुरातन छुधित स्वान अति ज्यों भरि मुख पकरै। | ||
निज तालूगत रुधिर पान करि, मन संतोष धरै॥४॥ | निज तालूगत रुधिर पान करि, मन संतोष धरै॥४॥ |
Revision as of 10:10, 1 November 2014
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माधवजू मोसम मंद न कोऊ। |
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