वंदना गुप्ता

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वंदना गुप्ता आधुनिक समय की जानी-मानी लेखिका हैं। वैसे तो उनकी प्रिय विधा कवितायें हैं और उसमे भी प्रेम और विरह उनका प्रिय विषय हैं। इसके अतिरिक्त आलेख, समीक्षा और कहानियाँ भी कभी-कभी लिखती हैं। वंदना गुप्ता का प्रथम प्रकाशित काव्य संग्रह 'बदलती सोच के नए अर्थ' है, जो 'हिन्दी अकादमी दिल्ली' के सौजन्य से 2014 में प्रकाशित हुआ।

रचनाएँ

साझा काव्य संग्रह

वंदना गुप्ता के प्रकाशित साझा काव्य संग्रह निम्नलिखित हैं-

  1. टूटते सितारों की उड़ान
  2. स्त्री होकर सवाल करती है
  3. हृदय तारों का स्पंदन
  4. शब्दों के अरण्य में
  5. प्रतिभाओं की कमी नहीं
  6. कस्तूरी
  7. सरस्वती सुमन
  8. नारी विमर्श के अर्थ
  9. शब्दों की चहलकदमी
  10. त्रिसुगंधी काव्य संकलन
  11. बालार्क
  12. जीवन बुनने में
  13. शोध दिशा फेसबुक कविता अंक
  14. कविता अनवरत खंड-2


प्रकाशित साझा पुस्तकें-
  1. हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रांति
  2. हिन्दीग ब्लॉोगिंग : स्व्रुप, व्याप्ति और संभावनाएं
  3. पत्रकारिता का बदलता स्वरूप और न्यू मीडिया
  4. समकालीन विमर्श मुद्दे और बहस


प्रकाशित रचनाएँ-

वंदना जी के सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं, जैसे- कादम्बिनी, बिंदिया, पाखी, हिंदी चेतना, शब्दांकन, गर्भनाल, उदंती, अट्टहास, आधुनिक साहित्य, नव्या, सिम्पली जयपुर आदि के अलावा विभिन्न ई-पत्रिकाओं में रचनाएँ, कहानियां, आलेख आदि प्रकाशित हो चुके हैं।


अनुवाद - सिन्धी, पंजाबी और नेपाली में कविताओं का अनुवाद।

दो काव्य संग्रह - 'कृष्ण से संवाद' व 'एक अनाम काव्य संग्रह कृष्णप्रेम पर ही' और एक समीक्षा की किताब शीघ्र प्रकाशय है।

तीन ब्लॉग - ज़िन्दगी एक खामोश सफ़र, ज़ख्म जो फूलों ने दिए, एक प्रयास।

  • वंदना गुप्ला 'ऑल इंडिया रेडियो' पर कई बार काव्य पाठ भी कर चुकी हैं।

पुरस्कार व सम्मान

  • 'शोभना काव्य सृजन सम्मान' - 2012


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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