Difference between revisions of "जागिये कृपानिधान जानराय, रामचन्द्र -तुलसीदास"
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जागिये कृपानिधान जानराय, रामचन्द्र! | जागिये कृपानिधान जानराय, रामचन्द्र! | ||
− | जननी कहै बार-बार, भोर भयो प्यारे॥ | + | जननी कहै बार - बार, भोर भयो प्यारे॥ |
राजिवलोचन बिसाल, प्रीति बापिका मराल, | राजिवलोचन बिसाल, प्रीति बापिका मराल, | ||
− | ललित कमल-बदन ऊपर मदन कोटि बारे॥ | + | ललित कमल - बदन ऊपर मदन कोटि बारे॥ |
− | अरुन उदित, बिगत सर्बरी, ससांक-किरन ही, | + | अरुन उदित, बिगत सर्बरी, ससांक - किरन ही, |
− | दीन दीप-ज्योति मलिन-दुति समूह तारे॥ | + | दीन दीप - ज्योति मलिन - दुति समूह तारे॥ |
मनहुँ ग्यान घन प्रकास बीते सब भव बिलास, | मनहुँ ग्यान घन प्रकास बीते सब भव बिलास, | ||
− | आस त्रास तिमिर-तोष-तरनि-तेज जारे॥ | + | आस त्रास तिमिर - तोष - तरनि - तेज जारे॥ |
बोलत खग निकर मुखर, मधुर, करि प्रतीति, | बोलत खग निकर मुखर, मधुर, करि प्रतीति, | ||
सुनहु स्त्रवन, प्रान जीवन धन, मेरे तुम बारे॥ | सुनहु स्त्रवन, प्रान जीवन धन, मेरे तुम बारे॥ | ||
मनहुँ बेद बंदी मुनिबृन्द सूत मागधादि बिरुद- | मनहुँ बेद बंदी मुनिबृन्द सूत मागधादि बिरुद- | ||
− | बदत 'जय जय जय जयति | + | बदत 'जय जय जय जयति कैटभारे॥ |
बिकसित कमलावली, चले प्रपुंज चंचरीक, | बिकसित कमलावली, चले प्रपुंज चंचरीक, | ||
गुंजत कल कोमल धुनि त्यगि कंज न्यारे। | गुंजत कल कोमल धुनि त्यगि कंज न्यारे। |
Latest revision as of 14:03, 25 December 2011
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jagiye kripanidhan janaray, ramachandr! |
sanbandhit lekh |