है न अचरज -वंदना गुप्ता: Difference between revisions

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मेरे पास
मेरे पास
कुरान की आयतें नहीं 
क़ुरआन की आयतें नहीं 
जो बांच सकूँ
जो बांच सकूँ
गीता का ज्ञान नहीं 
गीता का ज्ञान नहीं 

Latest revision as of 10:33, 5 July 2017

है न अचरज -वंदना गुप्ता
कवि वंदना गुप्ता
मुख्य रचनाएँ 'बदलती सोच के नए अर्थ', 'टूटते सितारों की उड़ान', 'सरस्वती सुमन', 'हृदय तारों का स्पंदन', 'कृष्ण से संवाद' आदि।
विधाएँ कवितायें, आलेख, समीक्षा और कहानियाँ
अन्य जानकारी वंदना जी के सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं, जैसे- कादम्बिनी, बिंदिया, पाखी, हिंदी चेतना, शब्दांकन, गर्भनाल, उदंती, अट्टहास, आधुनिक साहित्य, नव्या, सिम्पली जयपुर आदि के अलावा विभिन्न ई-पत्रिकाओं में रचनाएँ, कहानियां, आलेख आदि प्रकाशित हो चुके हैं।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
वंदना गुप्ता की रचनाएँ


मेरे पास
क़ुरआन की आयतें नहीं 
जो बांच सकूँ
गीता का ज्ञान नहीं 
जो बाँट सकूँ 
शबरी के बेर नहीं
जो खिला सकूँ
मीरा का प्रेम नहीं 
जो रिझा सकूँ
राधा सा समर्पण नहीं 

जो अपना बना सकूँ 
फिर भी तुम अपना बना लेते हो
है न अचरज ...........मोहन !


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