आपकी आवाज़ हूँ मैं -शिवकुमार बिलगरामी: Difference between revisions

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Revision as of 11:31, 19 October 2015

आपकी आवाज़ हूँ मैं -शिवकुमार बिलगरामी
कवि शिवकुमार 'बिलगरामी'
जन्म 12 अक्टूबर, 1963
जन्म स्थान गाँव- महसोनामऊ, हरदोई, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ 'नई कहकशाँ’
विधाएँ गीत एवं ग़ज़ल
अन्य जानकारी शिवकुमार 'बिलगरामी' की रचनाओं में अनूठे बिम्ब और उपमाएं देखने को मिलती हैं। इनकी छंद पर गहरी पकड़ है जिसके कारण इनके गीतों और ग़ज़लों में ग़ज़ब की रवानी देखने को मिलती है।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
शिवकुमार 'बिलगरामी' की रचनाएँ

आपकी आवाज़ हूँ मैं
आपकी आवाज़ हूँ मैं आज भी और कल रहूँगा
जिस व्यथा ने शक्ति छीनी
आप जिसको सह न पाये
जिस व्यथा ने शब्द छीने
आप जिसको कह न पाये
आपकी उस हर व्यथा को गीत गाकर मैं कहूँगा
जिस तड़प ने कर दिए हैं
आपके मृदु होंठ नीले
जिस तड़प ने भर दिए हैं
आँख में आँसू हठीले
उस तड़प के वेग को अब, मैं तड़प कर खुद सहूँगा
जिस हताशा और घुटन में
आपका जीवन पला है
जिस निराशा और तपन में
आपका तन मन जला है
उस निराशा और तपन में, मैं नदी बनकर बहूँगा


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