आरसी प्रसाद सिंह: Difference between revisions

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==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
आरसी प्रसाद सिंह का जन्म 19 अगस्त 1911 को बिहार के समस्तीपुर ज़िला में रोसड़ा रेलवे स्टेशन से आठ किलोमीटर की दूरी पर बागमती नदी के किनारे एक गाँव एरौत (पूर्व नाम ऐरावत) में हुआ था। यह गाँव महाकवि आरसी प्रसाद सिंह की जन्मभूमि और कर्मभूमि है । इसीलिए इसे '''आरसी नगर एरौत''' भी कहा जाता है ।  
आरसी प्रसाद सिंह का जन्म 19 अगस्त 1911 को बिहार के समस्तीपुर ज़िला में रोसड़ा रेलवे स्टेशन से आठ किलोमीटर की दूरी पर बागमती नदी के किनारे एक गाँव एरौत (पूर्व नाम ऐरावत) में हुआ था। यह गाँव महाकवि आरसी प्रसाद सिंह की जन्मभूमि और कर्मभूमि है । इसीलिए इसे '''आरसी नगर एरौत''' भी कहा जाता है ।  

Revision as of 06:40, 19 August 2013

आरसी प्रसाद सिंह
पूरा नाम आरसी प्रसाद सिंह
जन्म 19 अगस्त, 1911
जन्म भूमि एरौत गाँव, बिहार
मृत्यु 15 नवंबर, 1996
कर्म भूमि एरौत
कर्म-क्षेत्र कवि
मुख्य रचनाएँ नन्ददास, रजनीगंधा
भाषा हिन्दी, मैथिली
पुरस्कार-उपाधि 'साहित्य अकादमी पुरस्कार'
प्रसिद्धि हिन्दी और मैथिली भाषाओं के महाकवि, कथाकार और एकांकीकार।
नागरिकता भारतीय
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
आरसी प्रसाद सिंह की रचनाएँ

आरसी प्रसाद सिंह (जन्म- 19 अगस्त, 1911 ई., बिहार; मृत्यु- 15 नवंबर, 1996) भारत के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और एकांकीकार थे। छायावाद के तृतीय उत्थान के कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखने वाले और 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित आरसी प्रसाद सिंह को जीवन और यौवन का कवि कहा जाता है। बिहार के श्रेष्ठ कवियों में इन्हें गिना जाता है। आरसी प्रसाद सिंह हिन्दी और मैथिली भाषा के ऐसे प्रमुख हस्ताक्षर थे, जिनकी रचनाओं को पढ़ना हमेशा ही दिलचस्प रहा है। इस महाकवि ने हिन्दी साहित्य में बालकाव्य, कथाकाव्य, महाकाव्य, गीतकाव्य, रेडियो रूपक एवं कहानियों समेत कई रचनाएँ हिन्दी एवं मैथिली साहित्य को समर्पित की थीं। आरसी बाबू साहित्य से जुड़े रहने के अतिरिक्त राजनीतिक रूप से भी जागरूक एवं निर्भीक रहे। उन्होंने अपनी लेखनी से नेताओं पर कटाक्ष करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी।

जीवन परिचय

आरसी प्रसाद सिंह का जन्म 19 अगस्त 1911 को बिहार के समस्तीपुर ज़िला में रोसड़ा रेलवे स्टेशन से आठ किलोमीटर की दूरी पर बागमती नदी के किनारे एक गाँव एरौत (पूर्व नाम ऐरावत) में हुआ था। यह गाँव महाकवि आरसी प्रसाद सिंह की जन्मभूमि और कर्मभूमि है । इसीलिए इसे आरसी नगर एरौत भी कहा जाता है ।

कृतियाँ

आरसी प्रसाद सिंह ने हिन्दी व मैथिली भाषा में अपनी कृतियाँ लिखी जो इस प्रकार है:-

हिन्दी की प्रकाशित कृतियाँ

कविता
  • आजकल
  • कलापी
  • संचयिता
  • आरसी
  • जीवन और यौवन
  • नई दिशा
  • पांचजन्य
  • द्वंद समास
  • सोने का झरना
  • कथा माला
प्रबन्ध काव्य
  • नन्द दास
  • संजीवनी
  • आरण्यक
  • उदय
गीत
  • प्रेम गीत
कहानी
  • पंचपल्लव
  • खोटा सिक्का
  • कालरात्रि
  • एक प्याला चाय
  • आंधी के पत्ते
  • ठण्ढी छाया
बाल साहित्य
  • चंदामामा
  • चित्रों में लोरियाँ
  • ओनामासी
  • रामकथा
  • जादू का वंशी
  • काग़ज़ की नाव
  • बाल-गोपाल
  • हीरा-मोती
  • जगमग
  • क़लम और बंदूक
समीक्षा
  • कविवर सुमति : युग और साहित्य

मैथिली की प्रकाशित कृतियाँ

कविता
  • माटिक दीप
  • पूजाक फूल
  • मेघदूत
  • सूर्यमुखी (साहित्य अकादमी पुरस्कार)

अप्रकाशित कृतियाँ

कविता
  • कचनार
  • जल कल्लोल
  • वनमर्मर
  • मधुमल्लिका
  • आग और धुआँ
  • जय भारती
  • वलाका
  • संकलिता
  • अमावस्या
  • आवारा बादल
  • आकाश कुसुम
  • चतुरंग
  • जो धारा से उठे
  • महकती कल्पना मेरी
  • शिखर चेतना मेरी
प्रबंध काव्य
  • पूर्णोदय
  • असूर्यम्पश्या
  • सप्त पर्ण
  • कुंअर सिंह
गीत
  • नवगीतिका
  • निवेदिता
  • मंजुला
  • गान-मंजरी
  • गीतमालिका
  • दिलरूबा[1]
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आरसी प्रसाद सिंह / परिचय (हिन्दी) कविता कोश। अभिगमन तिथि: 29 जून, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख