सुनो राम तुम सिर्फ़ अवतार थे -वंदना गुप्ता

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:53, 2 January 2018 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - "जरूर" to "ज़रूर")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
सुनो राम तुम सिर्फ़ अवतार थे -वंदना गुप्ता
कवि वंदना गुप्ता
मुख्य रचनाएँ 'बदलती सोच के नए अर्थ', 'टूटते सितारों की उड़ान', 'सरस्वती सुमन', 'हृदय तारों का स्पंदन', 'कृष्ण से संवाद' आदि।
विधाएँ कवितायें, आलेख, समीक्षा और कहानियाँ
अन्य जानकारी वंदना जी के सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं, जैसे- कादम्बिनी, बिंदिया, पाखी, हिंदी चेतना, शब्दांकन, गर्भनाल, उदंती, अट्टहास, आधुनिक साहित्य, नव्या, सिम्पली जयपुर आदि के अलावा विभिन्न ई-पत्रिकाओं में रचनाएँ, कहानियां, आलेख आदि प्रकाशित हो चुके हैं।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
वंदना गुप्ता की रचनाएँ


राम तुम्हारा जन्म लेना 
वास्तव में प्रतीक है 
सद्भावनाओं और मर्यादा के जन्म का
 
देखो 
कितनी धूमधाम से मनाते हैं सब 
बिना जाने तुम्हारे जन्म के महत्त्व को
 
सुनो 
खुश तो हो जाते होंगे न इस तरह मनाने पर 
आहत तो नहीं होते न देख कर 
यहाँ कैसे होता है मर्यादाओं का हनन
 
सुनो राम 
तुम सिर्फ अवतार थे , अवतार हो और अवतार ही रहोगे 
क्योंकि 
यहाँ सिर्फ अवतार पूजे जाते हैं 
अवतारों के बताये रास्तों पर चला नहीं जाता
 
और सीख लो तुम भी इसी तरह खुश रहना 
तुम्हारा जन्मदिन मनाने का सिर्फ इतना ही औचित्य है 
सिद्ध कर सकें खुद को राम भक्त 
बाकि फिर चाहे रोज मर्यादा और सद्भावना का चीरहरण करते रहे
तुम महज खिलौना भर हो 
जैसे तुम्हारे लिए हम ............
आज का इंसान बहुत प्रैक्टिकल हो चुका है ......पता तो होगा न
 
और फिर 
जन्मदिन मनाने के लिए 
ज़रूरी तो नहीं होता न तुम्हारे बताये आदर्शों पर चलना .........
 
 
मेरी चाहतों का आसमां
कितना विस्तृत है माधव
देखो तो 
सेंध लगाना चाहता है 

तुम में भी ............


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः