अंदाल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:22, 25 October 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org")
Jump to navigation Jump to search

अंदाल अपने समय की प्रसिद्ध 'आलवार' संत थीं। इनका जन्म विक्रम संवत 770 में हुआ था। इनकी भक्ति की तुलना राजस्थान की प्रख्यात श्रीकृष्ण की भक्त कवयित्री 'मीराबाई' से की जाती है।[1]

  • ऐसा प्रसिद्ध है कि वयस्क होने पर अंदाल भगवान श्रीरंगनाथ के लिए जो माला गूँथती थीं, उसे भगवान को पहनाने के पूर्व स्वयं पहन लेती थीं और दर्पण के सामने जाकर भगवान से पूछती थीं कि- "प्रभु! क्या आप मेरे इस श्रृंगार को ग्रहण कर लोगे?" तत्पश्चात् उस उच्छिष्ट माला को भगवान को पहनाया करती थीं।
  • विश्वास है कि इन्होंने अपना विवाह श्रीरंगनाथ जी के साथ रचाया और उसे बड़ी धूमधाम से संपन्न किया।
  • विवाह संस्कार के उपरांत अंदाल मतवाली होकर श्रीरंगनाथ जी की शय्या पर चढ़ गईं। इनके ऐसा करते ही मंदिर में सर्वत्र एक आलोक व्याप्त हो गया। इतना ही नहीं, तत्काल इनके शरीर से भी विद्युत के समान एक ज्योतिकिरण फूटी और अनेक दर्शकों के देखते-ही-देखते यह भगवान के विग्रह में विलीन हो गईं।
  • उक्त घटना से संबद्ध विवाहोत्सव अब भी प्रतिवर्ष दक्षिण भारत के मंदिरों में मनाया जाता है।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अंदाल (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 19 फ़रवरी, 2014।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः