ऐरावत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:23, 14 April 2016 by नवनीत कुमार (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Disamb2.jpg ऐरावत एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- ऐरावत (बहुविकल्पी)

thumb|250px|ऐरावत ऐरावत देवताओं के राजा इन्द्र के हाथी का नाम है। यह हाथी देवताओं और असुरों द्वारा किये गए समुद्र मंथन के दौरान निकली चौदह मूल्यवान वस्तुओं में से एक था। मंथन से प्राप्त रत्नों के बँटवारे के समय ऐरावत को इन्द्र को दे दिया गया था।

  • ऐरावत को शुक्लवर्ण और चार दाँतों वाला बताया गया है।
  • रत्नों के बँटवारे के समय इन्द्र ने इस दिव्य गुणयुक्त हाथी को अपनी सवारी के लिए ले लिया था। इसलिए इसका 'इंद्रहस्ति' अथवा 'इंद्रकुंजर' नाम भी पड़ा।
  • ऐरावत के और भी कई अन्य नाम हैं, जैसे- 'अभ्रमातंग', 'ऐरावण', 'अभ्रभूवल्लभ', 'श्वेतहस्ति', 'मल्लनाग', 'हस्तिमल्ल', 'सदादान', 'सुदामा', 'श्वेतकुंजर', 'गजाग्रणी' तथा 'नागमल्ल'।
  • महाभारत, भीष्मपर्व के अष्ट्म अध्याय में भारतवर्ष से उत्तर के भू-भाग को उत्तर कुरु के बदले 'ऐरावत' कहा गया है। जैन साहित्य में भी यही नाम आया है।
  • धृतराष्ट्र नामक एक नाग का पैतृक नाम भी ऐरावत था।
  • कद्रुपुत्र नागों को भी ऐरावत नाम से पुकारा गया है।
  • 'इरा' का अर्थ जल है, अत: 'इरावत' (समुद्र) से उत्पन्न हाथी को ऐरावत नाम दिया गया है। सम्भव है कि परवर्ती भारतीय वाङ्मय में ऐरावत नाग का संबंध इन्द्र के हाथी ऐरावत से जोड़ लिया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः