शालिहोत्र
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शालिहोत्र हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार एक मुनि थे, जिनके आश्रम में श्री व्यास जी ठहरे थे।
- शालिहोत्र[1] हयगोष नामक ऋषि के पुत्र थे तथा श्रावस्ती के निवासी थे। वे पशुचिकित्सा[2] के जनक माने जाते हैं। उन्होंने 'शालिहोत्रसंहिता' नामक ग्रन्थ की रचना की थी।
- संसार के इतिहास में घोड़े पर लिखी गई प्रथम पुस्तक शालिहोत्रसंहिता है, जिसे शालिहोत्र ऋषि ने महाभारत काल से भी बहुत समय पूर्व लिखा था। कहा जाता है कि शालिहोत्र द्वारा अश्वचिकित्सा पर लिखत प्रथम पुस्तक होने के कारण प्राचीन भारत में पशुचिकित्सा विज्ञान को 'शालिहोत्रशास्त्र' नाम दिया गया।
- शालिहोत्रसंहिता का वर्णन आज संसार की अश्वचिकित्सा विज्ञान पर लिखी गई पुस्तकों में दिया जाता है। भारत में अनिश्चित काल से देशी अश्वचिकित्सक को 'शालिहोत्री' कहा जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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