अरुण देवता: Difference between revisions
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'''अरुण देवता''' प्रजापति [[कश्यप]] और विनता के पुत्र थे। इनके ज्येष्ठ भ्राता [[गरुड़]] थे, जो कि पक्षियों के राजा थे। अरुण को भगवान [[सूर्य]] देव का सारथी माना जाता है। [[रामायण]] में प्रसिद्ध [[सम्पाती]] और [[जटायु]] इन्हीं के पुत्र थे। | '''अरुण देवता''' प्रजापति [[कश्यप]] और [[विनता]] के पुत्र थे। इनके ज्येष्ठ भ्राता [[गरुड़]] थे, जो कि पक्षियों के राजा थे। अरुण को भगवान [[सूर्य]] देव का सारथी माना जाता है। [[रामायण]] में प्रसिद्ध [[सम्पाती]] और [[जटायु]] इन्हीं के पुत्र थे। | ||
*अरुण देवता का विनता के पुत्र और [[गरुड़]] के ज्येष्ठ भ्राता के रूप में उल्लेख हुआ है। | *अरुण देवता का विनता के पुत्र और [[गरुड़]] के ज्येष्ठ भ्राता के रूप में उल्लेख हुआ है। | ||
*पौराणिक कल्पना के अनुसार यह 'पंगु' | *पौराणिक कल्पना के अनुसार यह 'पंगु' अर्थात् पाँवरहित हैं। | ||
*प्राय: सूर्य मंदिरों के सामने अरुण-स्तम्भ स्थापित किया जाता है। | *प्राय: सूर्य मंदिरों के सामने अरुण-स्तम्भ स्थापित किया जाता है। | ||
*इसका भौतिक आधार है, सूर्योदय के पूर्व अरुणिमा (लाली)। इसी के रूपक का नाम 'अरुण' है। | *इसका भौतिक आधार है, सूर्योदय के पूर्व अरुणिमा (लाली)। इसी के रूपक का नाम 'अरुण' है। |
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चित्र:Disamb2.jpg अरुण | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अरुण (बहुविकल्पी) |
thumb|सारथि अरुण अरुण देवता प्रजापति कश्यप और विनता के पुत्र थे। इनके ज्येष्ठ भ्राता गरुड़ थे, जो कि पक्षियों के राजा थे। अरुण को भगवान सूर्य देव का सारथी माना जाता है। रामायण में प्रसिद्ध सम्पाती और जटायु इन्हीं के पुत्र थे।
- अरुण देवता का विनता के पुत्र और गरुड़ के ज्येष्ठ भ्राता के रूप में उल्लेख हुआ है।
- पौराणिक कल्पना के अनुसार यह 'पंगु' अर्थात् पाँवरहित हैं।
- प्राय: सूर्य मंदिरों के सामने अरुण-स्तम्भ स्थापित किया जाता है।
- इसका भौतिक आधार है, सूर्योदय के पूर्व अरुणिमा (लाली)। इसी के रूपक का नाम 'अरुण' है।
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