कान्ह भये बस बाँसुरी के -रसखान: Difference between revisions

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Revision as of 10:00, 14 December 2013

कान्ह भये बस बाँसुरी के -रसखान
कवि रसखान
जन्म सन् 1533 से 1558 बीच (लगभग)
जन्म स्थान पिहानी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु प्रामाणिक तथ्य अनुपलब्ध
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रसखान की रचनाएँ

कान्ह भये बस बाँसुरी के, अब कौन सखी हमको चहिहै।
निसि द्यौस रहे यह आस लगी, यह सौतिन सांसत को सहिहै।
जिन मोहि लियो मनमोहन को, 'रसखानि' सु क्यों न हमैं दहिहै।
मिलि आवो सबै कहुं भाग चलैं, अब तो ब्रज में बाँसुरी रहिहै।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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