नैन लख्यो जब कुंजन तैं -रसखान: Difference between revisions
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नैन लख्यो जब कुंजन तैं, बनि कै निकस्यो मटक्यो री। | नैन लख्यो जब कुंजन तैं, बनि कै निकस्यो मटक्यो री। | ||
सोहत कैसे हरा टटकौ, सिर तैसो किरीट लसै लटक्यो री। | सोहत कैसे हरा टटकौ, सिर तैसो किरीट लसै लटक्यो री। | ||
को 'रसखान कहै अटक्यो, हटक्यो ब्रजलोग फिरैं भटक्यो री। | को 'रसखान कहै अटक्यो, हटक्यो ब्रजलोग फिरैं भटक्यो री। | ||
रूप अनूपम वा नट को, हियरे अटक्यो, अटक्यो, अटक्यो री॥ | रूप अनूपम वा नट को, हियरे अटक्यो, अटक्यो, अटक्यो री॥ |
Latest revision as of 11:01, 14 December 2013
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नैन लख्यो जब कुंजन तैं, बनि कै निकस्यो मटक्यो री। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |