मलयज: Difference between revisions
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Revision as of 05:03, 29 May 2015
मलयज
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पूरा नाम | भरत श्रीवास्तव 'मलयज' |
जन्म | 1935 |
जन्म भूमि | आजमगढ़, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 26 अप्रैल, 1982 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली |
मुख्य रचनाएँ | जख़्म पर धूल, अपने होने को अप्रकाशित करता हुआ, कविता से साक्षात्कार, संवाद और एकालाप आदि |
भाषा | हिंदी |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | इन्होंने ‘अज्ञेय’ और ‘शमशेर बहादुर सिंह’ की प्रशंसा में लंबे निबंध लिखे, जो बहुत सराहे गए। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
मलयज (पूरा नाम: 'भरत श्रीवास्तव', जन्म : 1935, मृत्यु: 26 अप्रैल, 1982) हिंदी के प्रतिष्ठित कवि, लेखक और आलोचक थे। मलयज का रामचन्द्र शुक्ल की आलोचना दृष्टि को पुनर्व्याख्यायित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान है, जिसके कारण हिंदी आलोचना जगत में ये विशेष उल्लेखनीय माने जाते हैं। ‘अपने होने का अप्रकाशित करता हुआ’ (उनका कविता संग्रह) ‘मलयज’ दिल्ली में कृषि मंत्रालय में कार्य करते थे। इनका एक कविता-संग्रह और समीक्षा-निबंधों को दो पुस्तकें प्रकाशित हैं। इन्होंने ‘अज्ञेय’ और ‘शमशेर बहादुर सिंह’ की प्रशंसा में लंबे निबंध लिखे, जो बहुत सराहे गए। उन पर ‘पूर्वग्रह’ (मध्य प्रदेश) ने मरणोपरांत विशेषांक निकाला गया है।
प्रमुख कृतियाँ
- कविता संग्रह
- जख़्म पर धूल
- अपने होने को अप्रकाशित करता हुआ
- हँसते हुए मेरा अकेलापन
- निबंध संग्रह
- कविता से साक्षात्कार (आलोचना)
- संवाद और एकालाप (आलोचना)
- रामचन्द्र शुक्ल (आलोचना)
- मेरा अकेलापन (सृजनात्मक गद्य)
- संवाद और एकालाप (आलोचनात्मक गद्य)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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