कुत्स: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''कुत्स''' नामक एक महर्षि का उल्लेख ऋग्वेद में हुआ है...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''कुत्स''' नामक एक महर्षि का उल्लेख [[ऋग्वेद]] में हुआ है। इन्होंने सुष्ण दानव को पराजित करने में [[इंद्र|देवराज इंद्र]] की सहायता की थी। इनकी वीरता के कई उल्लेख प्राप्त होते हैं। | '''कुत्स''' नामक एक महर्षि का उल्लेख [[ऋग्वेद]] में हुआ है। इन्होंने सुष्ण दानव को पराजित करने में [[इंद्र|देवराज इंद्र]] की सहायता की थी। इनकी वीरता के कई उल्लेख प्राप्त होते हैं।<ref>{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B8 |title= कुत्स|accessmonthday=14 फ़रवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
*महर्षि कुत्स ने तुग्न, वेतसु आदि को भी पराजित किया था। एक स्थान पर स्वयं इनकी पराजय का भी वर्णन प्राप्त होता है।<ref>ऋग्वेद 1-5, 3-10</ref> | *महर्षि कुत्स ने तुग्न, वेतसु आदि को भी पराजित किया था। एक स्थान पर स्वयं इनकी पराजय का भी वर्णन प्राप्त होता है।<ref>ऋग्वेद 1-5, 3-10</ref> |
Revision as of 13:36, 14 February 2014
कुत्स नामक एक महर्षि का उल्लेख ऋग्वेद में हुआ है। इन्होंने सुष्ण दानव को पराजित करने में देवराज इंद्र की सहायता की थी। इनकी वीरता के कई उल्लेख प्राप्त होते हैं।[1]
- महर्षि कुत्स ने तुग्न, वेतसु आदि को भी पराजित किया था। एक स्थान पर स्वयं इनकी पराजय का भी वर्णन प्राप्त होता है।[2]
- देतवाओं के राजा इंद्र ने भी इन्हें अतिथिग्व तथा आयु के साथ पराजित किया था।
- ब्राह्मण ग्रंथों में भी कुत्स का उल्लेख इंद्र के साथ किया गया है।[3]
- पंचविंश ब्राह्मण[4] में उल्लिखित कुत्स औरव। इन्होंने अपने पुरोहित उपगु सौश्रवस का वध कर दिया था। संभवत: इन्हीं के पुत्र कौत्सजिन का उल्लेख 'शतपथ ब्राह्मण'[5] तथा 'बृहदारण्यकोपनिषद'[6] में हुआ है। कदाचित इन्हीं को जनमेजय के नागयज्ञ का उद्गाता बनाया गया था।[7], और इन्हीं को राजर्षि भगीरथ ने अपनी कन्या 'हंसी' का दान किया था, जिससे वे अक्षयलोक को प्राप्त हुए।[8]
- एक अन्य स्थान पर कुत्स को चाक्षुष मनु का पुत्र बताया गया है।[9]
- 'मत्स्यपुराण' के उल्लेख में कुत्स को भार्गव गोत्रकार बताया गया है।[10]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कुत्स (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 14 फ़रवरी, 2014।
- ↑ ऋग्वेद 1-5, 3-10
- ↑ पंचविंश ब्राह्मण 9-2-28
- ↑ पंचविंश ब्राह्मण 14-6-6
- ↑ शतपथ ब्राह्मण 10-6-5-9
- ↑ बृहदारण्यकोपनिषद 6-4-5
- ↑ महाभारत आदिपर्व 53-6
- ↑ महाभारत अनुशासनपर्व 137-26
- ↑ भागवतपुराण
- ↑ म.195-22
संबंधित लेख
|
Retrieved from "https://en.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=कुत्स&oldid=454834"