विजयदेव नारायण साही: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(5 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 8: Line 8:
|मृत्यु=[[5 नवम्बर]], [[1982]]
|मृत्यु=[[5 नवम्बर]], [[1982]]
|मृत्यु स्थान=[[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]]
|मृत्यु स्थान=[[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]]
|अविभावक=
|अभिभावक=
|पालक माता-पिता=
|पालक माता-पिता=
|पति/पत्नी=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|संतान=
|कर्म भूमि=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=कवि, निबंधकार, आलोचक
|कर्म-क्षेत्र=[[कवि]], निबंधकार, आलोचक
|मुख्य रचनाएँ=
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|विषय=
Line 28: Line 28:
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=जायसी पर दिए गए उनके व्याख्यायान एवं नई कविता संबंधी उनके आलेख उनकी प्रखर आलोचकीय क्षमता के परिचायक हैं।  
|अन्य जानकारी= जायसी पर दिए गए इनके व्याख्यायान एवं नई कविता संबंधी आलेख इनकी प्रखर आलोचकीय क्षमता के परिचायक हैं।  
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
|अद्यतन=
}}
}}
'''विजयदेव नारायण साही''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vijaydev Narayan Sahi'', जन्म: [[7 अक्तूबर]], [[1924]] - मृत्यु: [[5 नवम्बर]], [[1982]]) [[हिंदी साहित्य]] के नई कविता के दौर के प्रसिद्ध [[कवि]], एवं आलोचक थे। वे [[तार सप्तक]] के कवियों में शामिल थे। जायसी पर दिए गए उनके व्याख्यायान एवं नई कविता संबंधी उनके आलेख उनकी प्रखर आलोचकीय क्षमता के परिचायक हैं।  
'''विजयदेव नारायण साही''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vijaydev Narayan Sahi'', जन्म: [[7 अक्तूबर]], [[1924]]; मृत्यु: [[5 नवम्बर]], [[1982]]) [[हिंदी साहित्य]] के नई कविता के दौर के प्रसिद्ध [[कवि]], एवं आलोचक थे। वे [[तार सप्तक]] के कवियों में शामिल थे। [[मलिक मुहम्मद जायसी|जायसी]] पर दिए गए इनके व्याख्यायान एवं नई [[कविता]] संबंधी आलेख इनकी प्रखर आलोचकीय क्षमता के परिचायक हैं।  
==संक्षिप्त परिचय==
==संक्षिप्त परिचय==
* विजयदेव नारायण साही का जन्म [[7 अक्तूबर]], [[1924]] को [[काशी]] में हुआ।  
* विजयदेव नारायण साही का जन्म [[7 अक्तूबर]], [[1924]] को [[काशी]] में हुआ।  
* [[प्रयाग]] से अंग्रेज़ी में एम.ए. करके तीन वर्ष [[काशी विद्यापीठ]] और फिर प्रयाग विश्वविद्यालय में प्राध्यापक रहे।  
* [[प्रयाग]] से अंग्रेज़ी में एम.ए. करके तीन वर्ष [[काशी विद्यापीठ]] और फिर प्रयाग विश्वविद्यालय में प्राध्यापक रहे।  
* मजदूर संगठनों से सम्बद्ध रहे तथा कई बार जेल गए।  
* मज़दूर संगठनों से सम्बद्ध रहे तथा कई बार जेल गए।  
* साही की कविताओं में मर्मस्पर्शी व्यंग्य हैं।
* साही की कविताओं में मर्मस्पर्शी व्यंग्य हैं।
* 'मछली घर' तथा 'साखी' इनकी काव्य-कृतियाँ हैं।  
* 'मछली घर' तथा 'साखी' इनकी काव्य-कृतियाँ हैं।  
Line 88: Line 88:
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत के कवि}}
{{भारत के कवि}}{{आलोचक एवं समीक्षक}}
[[Category:कवि]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:साहित्यकार]]
[[Category:कवि]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:साहित्यकार]]
[[Category:आधुनिक काल]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:आधुनिक काल]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:आलोचक]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 05:29, 7 October 2017

विजयदेव नारायण साही
पूरा नाम विजयदेव नारायण साही
जन्म 7 अक्तूबर, 1924
जन्म भूमि काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 5 नवम्बर, 1982
मृत्यु स्थान इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र कवि, निबंधकार, आलोचक
भाषा हिंदी और अंग्रेज़ी
शिक्षा एम.ए. (अंग्रेज़ी)
नागरिकता भारतीय
विधाएँ कविता, आलोचना, निबंध
अन्य जानकारी जायसी पर दिए गए इनके व्याख्यायान एवं नई कविता संबंधी आलेख इनकी प्रखर आलोचकीय क्षमता के परिचायक हैं।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

विजयदेव नारायण साही (अंग्रेज़ी: Vijaydev Narayan Sahi, जन्म: 7 अक्तूबर, 1924; मृत्यु: 5 नवम्बर, 1982) हिंदी साहित्य के नई कविता के दौर के प्रसिद्ध कवि, एवं आलोचक थे। वे तार सप्तक के कवियों में शामिल थे। जायसी पर दिए गए इनके व्याख्यायान एवं नई कविता संबंधी आलेख इनकी प्रखर आलोचकीय क्षमता के परिचायक हैं।

संक्षिप्त परिचय

  • विजयदेव नारायण साही का जन्म 7 अक्तूबर, 1924 को काशी में हुआ।
  • प्रयाग से अंग्रेज़ी में एम.ए. करके तीन वर्ष काशी विद्यापीठ और फिर प्रयाग विश्वविद्यालय में प्राध्यापक रहे।
  • मज़दूर संगठनों से सम्बद्ध रहे तथा कई बार जेल गए।
  • साही की कविताओं में मर्मस्पर्शी व्यंग्य हैं।
  • 'मछली घर' तथा 'साखी' इनकी काव्य-कृतियाँ हैं।
  • ये 'तीसरे सप्तक के चर्चित प्रयोगवादी कवि हैं।
  • इन्होंने निबंध तथा समालोचना भी लिखी है।
  • प्रवर समीक्षक, बौद्धिक, निबंधकार, और जायसी काव्य के विशेषज्ञ विद्वान थे।
  • इनके अकाल निधन (5 नवम्बर, 1982) से हिन्दी नई कविता की बड़ी हानि हुई।
  • 'आलोचना' और 'नई कविता' नामक दोनों पत्रिकाओं के संपादक मंडल में शामिल रहे।

प्रमुख कृतियाँ

कविता संग्रह
  • तीसरा सप्तक (छह अन्य कवियों के साथ)
  • मछलीघर
  • साखी
  • संवाद तुमसे
  • आवाज़ हमारी जाएगी
निबंध संग्रह
  • जायसी
  • साहित्य और साहित्यकार का दायित्व
  • वर्धमान और पतनशील
  • छठवाँ दशक
  • साहित्य क्यों
  • लोकतंत्र की कसौटियाँ
  • वेस्टर्निज्म एंड कल्चरल चेंज
नाटक
  • कुर्सी का उम्मीदवार
  • कोठी का दान
  • एक निराश आदमी
  • सुभद्र
  • धुले हुए रंग
  • बेबी का कुत्ता
  • रामचरन मिस्त्री का बेटा
अनुवाद
  • गार्गांतुआ (फ्रांसीसी उपन्यास)
  • सोसियोलोजिकल क्रिटिसिजम

(ग्वेसटेव रुडलर - फ्रेंच से अंग्रेज़ी में)

संपादन
  • आलोचना
  • नई कविता


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख