रोहिणी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
No edit summary
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=रोहिणी|लेख का नाम=रोहिणी (बहुविकल्पी)}}
*[[वसुदेव]] की अर्द्धागिनी तथा [[बलराम]] की माता का नाम रोहिणी था।  
*[[वसुदेव]] की अर्द्धागिनी तथा [[बलराम]] की माता का नाम रोहिणी था।  
*इन्होंने [[देवकी]] के सातवें गर्भ को दैवी विधान से ग्रहण कर लिया था और उसी से बलराम की उत्पत्ति हुई थी।  
*इन्होंने [[देवकी]] के सातवें गर्भ को दैवी विधान से ग्रहण कर लिया था और उसी से बलराम की उत्पत्ति हुई थी।  
Line 8: Line 10:
*बलराम का यह कथन कि रोहिणी यशोदा के समान प्रेम नहीं कर सकती, कदाचित देवकी के सम्बन्ध में ही प्रतीत होता है क्योंकि [[मथुरा]] में बलराम द्वारा रोहिणी की आलोचना में विशेष संगति नहीं है।  
*बलराम का यह कथन कि रोहिणी यशोदा के समान प्रेम नहीं कर सकती, कदाचित देवकी के सम्बन्ध में ही प्रतीत होता है क्योंकि [[मथुरा]] में बलराम द्वारा रोहिणी की आलोचना में विशेष संगति नहीं है।  


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
{{लेख प्रगति  
|आधार=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
 
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{कृष्ण2}}{{कृष्ण}}{{पौराणिक चरित्र}}  
{{कृष्ण2}}{{कृष्ण}}{{पौराणिक चरित्र}}  
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
[[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:कृष्ण_काल]][[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]]  
 
[[Category:कृष्ण_काल]]
[[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]  
 
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 06:35, 9 July 2016

चित्र:Disamb2.jpg रोहिणी एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- रोहिणी (बहुविकल्पी)
  • वसुदेव की अर्द्धागिनी तथा बलराम की माता का नाम रोहिणी था।
  • इन्होंने देवकी के सातवें गर्भ को दैवी विधान से ग्रहण कर लिया था और उसी से बलराम की उत्पत्ति हुई थी।
  • यदु वंश का नाश होने पर जब वसुदेव ने द्वारिका में शरीर त्यागा तो रोहिणी भी उनके साथ सती हुई थी।
  • वसुदेव देवकी के साथ जिस समय कारागृह में बन्दी थे, उस समय ये नन्द के यहाँ थीं और वहीं इन्होंने बलराम को जन्म दिया।
  • कृष्णभक्ति-काव्य में वात्सल्य की दृष्टि से रोहिणी का चरित्र यशोदा के चरित्र की छाया मात्र है।
  • अत: उसका स्थान गौण ही कहा जायेगा।
  • कृष्ण और बलराम की परिचर्या में ही उसका दो एक बार उल्लेख आया है।
  • बलराम का यह कथन कि रोहिणी यशोदा के समान प्रेम नहीं कर सकती, कदाचित देवकी के सम्बन्ध में ही प्रतीत होता है क्योंकि मथुरा में बलराम द्वारा रोहिणी की आलोचना में विशेष संगति नहीं है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख