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'''कालनेमि''' [[हिन्दू]] धार्मिक ग्रंथ [[रामायण]] के प्रमुख पात्रों में से एक है। यह [[लंका]] नरेश [[रावण]] का मामा था।
 
*जब युद्ध के समय [[मेघनाद]] की शक्ति लगने से [[लक्ष्मण]] मूर्च्छित हो गए और [[सुषेण वैद्य]] के परामर्श पर [[हनुमान]] संजीवनी बूटी लने के लिये रवाना हुये तो रावण ने उन्हेंं रोकने के लिये कालनेमि को भेजा।
*रावण की आज्ञा से कालनेमि ने एक साधु का वेश बनाया और [[माया]] से तालाब, मंदिर, बाग़ आदि की रचना की।
*सुंदर [[आश्रम]] देखकर हनुमान जी [[पानी]] पीने के लिये रुके। [[साधु]] वेशधारी कालनेमि ने उनसे [[जल]] पीकर [[स्नान]] करने तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिये कहा।
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Revision as of 12:21, 3 September 2016

कालनेमि हिन्दू धार्मिक ग्रंथ रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक है। यह लंका नरेश रावण का मामा था।

  • जब युद्ध के समय मेघनाद की शक्ति लगने से लक्ष्मण मूर्च्छित हो गए और सुषेण वैद्य के परामर्श पर हनुमान संजीवनी बूटी लने के लिये रवाना हुये तो रावण ने उन्हेंं रोकने के लिये कालनेमि को भेजा।
  • रावण की आज्ञा से कालनेमि ने एक साधु का वेश बनाया और माया से तालाब, मंदिर, बाग़ आदि की रचना की।
  • सुंदर आश्रम देखकर हनुमान जी पानी पीने के लिये रुके। साधु वेशधारी कालनेमि ने उनसे जल पीकर स्नान करने तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिये कहा।
  • हनुमान स्नान करने के लिये जल में उतरे तो मगरी ने उनका पैर पकड़ लिया। हनुमान के पैर मारते हुए मगरी अप्सरा बनकर यह कहते हुए स्वर्ग को चली गई कि वह बैठा व्यक्ति मुनि नहीं है, मायावी राक्षस है। हनुमान ने स्नान के उपरांत कालनेमि का वध कर दिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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