प्रांगण:मुखपृष्ठ/दर्शन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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[[चित्र:Holi Barsana Mathura 1.jpg|300px|लट्ठामार होली, बरसाना|center]]
[[चित्र:Vedic-Tradition-1.jpg|300px|वेद पाठ|center]]
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<div style="text-align:center;">[[होली|लट्ठामार होली]], [[बरसाना]]</div>
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Revision as of 11:01, 8 December 2010

Template:प्रांगण

♦ यहाँ आप भारतीय संस्कृति से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
♦ भारतीय संस्कृति विश्व की प्रधान संस्कृति है, यह कोई गर्वोक्ति नहीं, बल्कि वास्तविकता है। भारतीय संस्कृति को देव संस्कृति कहकर सम्मानित किया गया है।

दर्शन मुखपृष्ठ

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♦ भारत के अनेकों धर्मों तथा परम्पराओं और उनका आपस में संमिश्रण ने विश्व के अनेकों स्थानों को भी प्रभावित किया है।
♦ हजारों वर्षों से भारत की सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाओं, रीति-रिवाजों आदि में विविधता बनी रही है जो कि आज भी विद्यमान है, और यही अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की महान विशेषता है।

विशेष आलेख

  • पुराणों की रचना वैदिक काल के काफ़ी बाद की है, ये स्मृति विभाग में रखे जाते हैं। पुराणों को मनुष्य के भूत, भविष्य, वर्तमान का दर्पण भी कहा जा सकता है।
  • पुराणों में हिन्दू देवी-देवताओं का और पौराणिक मिथकों का बहुत अच्छा वर्णन है। इनकी भाषा सरल और कथा कहानी की तरह है।
  • पुराण वस्तुतः वेदों का विस्तार हैं। वेद बहुत ही जटिल तथा शुष्क भाषा-शैली में लिखे गए हैं। वेदव्यास जी ने पुराणों की रचना और पुनर्रचना की।
  • पुराण शब्द ‘पुरा’ एवं ‘अण’ शब्दों की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ -‘पुराना’ अथवा ‘प्राचीन’ होता है। ‘पुरा’ शब्द का अर्थ है - अनागत एवं अतीत और ‘अण’ शब्द का अर्थ होता है- कहना या बतलाना।
  • संसार की रचना करते समय ब्रह्मा जी ने एक ही पुराण की रचना की थी। जिसमें एक अरब श्लोक थे। यह पुराण बहुत ही विशाल और कठिन था। .... और पढ़ें
चयनित लेख
  • ईद-उल-फ़ितर मुसलमानों का पवित्र त्योहार है। रमज़ान के पूरे महीने में मुसलमान रोज़े रखकर अर्थात भूखे-प्यासे रहकर पूरा महीना अल्लाह की इबादत में गुज़ार देते हैं।
  • ईद का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान किसी पाक साफ़ जगह पर जिसे 'ईदगाह' कहते हैं, वहाँ इकट्ठे होकर दो रक्आत नमाज़ शुक्राने की अदा करते हैं।
  • रमज़ान के पूरे महीने को अल्लाह की इबादत में गुज़ार कर जब वे रोज़ों से फ़ारिग हो जाते हैं तो चांद की पहली तारीख़ अर्थात जिस दिन चांद दिखाई देता है, उस रोज़ को छोड़कर दूसरे दिन ईद का त्योहार अर्थात ‘बहुत ख़ुशी का दिन’ मनाया जाता है।
  • रमज़ान महीने के आख़री दस दिनों में एक रात ऐसी है जिसे शबे-क़द्र कहते हैं। यह रात हज़ार महीने की इबादत करने से भी अधिक बेहतर होती है। .... और पढ़ें
कुछ चुने हुए लेख
संस्कृति श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

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वेद पाठ

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