कुशध्वज: Difference between revisions
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*[[सांकाश्य]] के राजा सुधन्वा का महाराज जनक की राजधानी [[मिथिला]] पर आक्रमण करने का उल्लेख मिलता है। सांकाश्य का उल्लेख कई साहित्यिक ग्रंथों में मिलता है। [[रामायण]] (आदिकाण्ड) में सीरध्वज जनक के भाई कुशध्वज द्वारा इस स्थान पर शासन करने का उल्लेख है। [[बौद्ध]] ग्रंथों में भी इसकी कई बार चर्चा हुई है। | *[[सांकाश्य]] के राजा सुधन्वा का महाराज जनक की राजधानी [[मिथिला]] पर आक्रमण करने का उल्लेख मिलता है। सांकाश्य का उल्लेख कई साहित्यिक ग्रंथों में मिलता है। [[रामायण]] (आदिकाण्ड) में सीरध्वज जनक के भाई कुशध्वज द्वारा इस स्थान पर शासन करने का उल्लेख है। [[बौद्ध]] ग्रंथों में भी इसकी कई बार चर्चा हुई है। |
Latest revision as of 07:43, 7 November 2017
कुशध्वज मिथिला के राजा निमि के पुत्र और राजा जनक के छोटे भाई थे। जनक और जिन कुशध्वज की तीन पुत्रियों के साथ श्रीराम के शेष तीन भाइयों का विवाह हुआ था, वे जनक के छोटे भाई थे। या तो जनक का मध्यम आयु में देहांत हो गया था या फिर कुशध्वज काफ़ी दीर्घायु थे, क्योंकि सीरध्वज जनक का कोई पुत्र न होने के कारण, अर्थात् सीता का कोई भाई न होने के कारण, कुशध्वज ही अपने भाई जनक के उत्तराधिकारी बने थे।
- सांकाश्य के राजा सुधन्वा का महाराज जनक की राजधानी मिथिला पर आक्रमण करने का उल्लेख मिलता है। सांकाश्य का उल्लेख कई साहित्यिक ग्रंथों में मिलता है। रामायण (आदिकाण्ड) में सीरध्वज जनक के भाई कुशध्वज द्वारा इस स्थान पर शासन करने का उल्लेख है। बौद्ध ग्रंथों में भी इसकी कई बार चर्चा हुई है।
- सुधन्वा सीता से विवाह करने का इच्छुक था, जबकि जनक इस विवाह के लिए राजी नहीं थे।
- जनक के साथ युद्ध में सुधन्वा मारा गया तथा सांकाश्य के राज्य का शासक जनक ने अपने भाई कुशध्वज को बना दिया था।
- सीता के स्वयंवर में राम ने अपने पिता दशरथ और गुरुजनों आदि के मिथिला में पधारने पर सबके सामने सीता का विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया। उस समय लक्ष्मण ने भी मिथिलेश कन्या उर्मिला को अपनी पत्नी बनाया।
- राजा जनक के छोटे भाई कुशध्वज के भी दो कन्याएँ थीं- श्रुतकीर्ति और माण्डवी। इनमें माण्डवी के साथ भरत ने और श्रुतकीर्ति के साथ शत्रुघ्न ने विवाह किया।
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