असमंजस: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
'''असमंजस''' [इक्ष्वाकु वंश]] के राजा [[सगर]] की बड़ी रानी का पुत्र था। राजा सगर की छोटी रानियों के बहुत से पुत्र थे। कहा जाता है कि संख्या में ये साठ हज़ार थे। सगर के ये पुत्र बहुत बलवान और चतुर थे और तरह-तरह की विद्याओं में पारंगत थे।
'''असमंजस''' [[इक्ष्वाकु वंश]] के राजा [[सगर]] की बड़ी रानी केशिनी का पुत्र था। राजा सगर की छोटी रानी सुमति के बहुत से पुत्र थे। कहा जाता है कि संख्या में ये साठ हज़ार थे। सगर के ये पुत्र बहुत बलवान और चतुर थे और तरह-तरह की विद्याओं में पारंगत थे।


*असमंजस राह में खेलते हुए बालकों को उठाकर [[सरयू नदी]] में फेंक दिया करता था।
*[[अयोध्या]] के धर्मात्मा राजा सगर की केशिनी तथा सुमति नामक दो पत्नियाँ थी, परन्तु उन्हें कोई पुत्र नहीं था।
*नदी में डूबते हुए बच्चों को देखकर असमंजस बड़ा प्रसन्न होता था।
*सगर ने पुत्र हेतु [[हिमालय]] के भृगु प्रस्रवण शिखर पर तप किया, जिसके फलस्वरूप [[भृगु|भृगु ऋषि]] ने उन्हें केशिनी नामक पत्नी से 'असमंजस' नामक पुत्र तथा सुमति नामक पत्नी से साठ हज़ार पुत्रों की प्राप्ति का वर दिया।
*राजा सगर को जब मालूम पड़ा तो उन्होंने असमंजस को उसकी पत्नी समेत राज्य से निर्वासित कर दिया।
*वरदान के अनुसार सगर को पुत्रों की प्राप्ति हुई एवं सभी पुत्र युवावस्था को प्राप्त हुए।
*असमंजस हाथ में कुदाल लेकर वन और [[पर्वत|पर्वतों]] पर घूमने लगा। इसके पुत्र का नाम [[अंशुमान]] था।
*इन पुत्रों में से असमंजस नामक पुत्र नगर के बालकों को पकडकर [[सरयू नदी]] के जल में फेंक देता था, अतः क्रुद्ध [[पिता]] ने उसे राज्य से बाहर निकाल दिया।
*असमंजस का पुत्र [[अंशुमान]] अत्यन्त पराक्रमी एवं सबका प्रिय था।
*जब सगर के मन में [[यज्ञ]] करने की इच्छा हुई, तब यज्ञ के अश्व की रक्षा का भार उन्होंने अंशुमान को ही सौंपा।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{seealso|अंशुमान}}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{रामायण}}
{{पौराणिक चरित्र}}{{रामायण}}
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:रामायण]]
[[Category:रामायण]]
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 12:45, 15 October 2012

असमंजस इक्ष्वाकु वंश के राजा सगर की बड़ी रानी केशिनी का पुत्र था। राजा सगर की छोटी रानी सुमति के बहुत से पुत्र थे। कहा जाता है कि संख्या में ये साठ हज़ार थे। सगर के ये पुत्र बहुत बलवान और चतुर थे और तरह-तरह की विद्याओं में पारंगत थे।

  • अयोध्या के धर्मात्मा राजा सगर की केशिनी तथा सुमति नामक दो पत्नियाँ थी, परन्तु उन्हें कोई पुत्र नहीं था।
  • सगर ने पुत्र हेतु हिमालय के भृगु प्रस्रवण शिखर पर तप किया, जिसके फलस्वरूप भृगु ऋषि ने उन्हें केशिनी नामक पत्नी से 'असमंजस' नामक पुत्र तथा सुमति नामक पत्नी से साठ हज़ार पुत्रों की प्राप्ति का वर दिया।
  • वरदान के अनुसार सगर को पुत्रों की प्राप्ति हुई एवं सभी पुत्र युवावस्था को प्राप्त हुए।
  • इन पुत्रों में से असमंजस नामक पुत्र नगर के बालकों को पकडकर सरयू नदी के जल में फेंक देता था, अतः क्रुद्ध पिता ने उसे राज्य से बाहर निकाल दिया।
  • असमंजस का पुत्र अंशुमान अत्यन्त पराक्रमी एवं सबका प्रिय था।
  • जब सगर के मन में यज्ञ करने की इच्छा हुई, तब यज्ञ के अश्व की रक्षा का भार उन्होंने अंशुमान को ही सौंपा।
  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख