जामवन्त: Difference between revisions
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'''जामवन्त''' अथवा जांबवान [[रामायण]] के महत्त्वपूर्ण पात्र हैं। ये वानरराज [[सुग्रीव]] के मित्र थे। इन्होंने [[राम]]-[[रावण]] युद्ध में श्रीराम का पूरा साथ दिया था। [[पुराण|पुराणों]] के अध्ययन से पता चलता है कि [[वशिष्ठ]], [[अत्रि]], [[विश्वामित्र]], [[दुर्वासा]], [[अश्वत्थामा]], [[बलि|राजा बलि]], [[हनुमान]], [[विभीषण]], [[कृपाचार्य]], [[परशुराम]], [[मार्कण्डेय|मार्कण्डेय ऋषि]], [[वेद व्यास]] और जामवन्त आदि कई [[ऋषि]], [[मुनि]] और [[देवता]] सशरीर आज भी जीवित हैं। | '''जामवन्त''' अथवा जांबवान [[रामायण]] के महत्त्वपूर्ण पात्र हैं। ये वानरराज [[सुग्रीव]] के मित्र थे। इन्होंने [[राम]]-[[रावण]] युद्ध में श्रीराम का पूरा साथ दिया था। [[पुराण|पुराणों]] के अध्ययन से पता चलता है कि [[वशिष्ठ]], [[अत्रि]], [[विश्वामित्र]], [[दुर्वासा]], [[अश्वत्थामा]], [[बलि|राजा बलि]], [[हनुमान]], [[विभीषण]], [[कृपाचार्य]], [[परशुराम]], [[मार्कण्डेय|मार्कण्डेय ऋषि]], [[वेद व्यास]] और जामवन्त आदि कई [[ऋषि]], [[मुनि]] और [[देवता]] सशरीर आज भी जीवित हैं। | ||
*माना जाता है कि जामवन्त बहुत ही | *माना जाता है कि जामवन्त बहुत ही विद्वान् हैं। [[वेद]], [[उपनिषद]] उन्हें कण्ठस्थ हैं। वह निरन्तर पढ़ा ही करते थे और इस स्वाध्यायशीलता के कारण ही उन्होंने लम्बा जीवन प्राप्त किया था। | ||
*परशुराम और हनुमान के बाद जामवन्त ही एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनके तीनों युग में होने का वर्णन मिलता है और कहा जाता है कि वे आज भी जिंदा हैं। लेकिन [[परशुराम]] और [[हनुमान]] से भी लंबी उम्र है जामवन्त की; क्योंकि उनका जन्म [[सतयुग]] में राजा बलि के काल में हुआ था। परशुराम से बड़े हैं जामवन्त और जामवन्त से बड़े हैं राजा बलि।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-mahapurush/jamwant-ramayan-115043000021_1.html |title= जांबवान|accessmonthday=18 मई|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= वेबदुनिया|language= हिन्दी}}</ref> | *परशुराम और हनुमान के बाद जामवन्त ही एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनके तीनों युग में होने का वर्णन मिलता है और कहा जाता है कि वे आज भी जिंदा हैं। लेकिन [[परशुराम]] और [[हनुमान]] से भी लंबी उम्र है जामवन्त की; क्योंकि उनका जन्म [[सतयुग]] में राजा बलि के काल में हुआ था। परशुराम से बड़े हैं जामवन्त और जामवन्त से बड़े हैं राजा बलि।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-mahapurush/jamwant-ramayan-115043000021_1.html |title= जांबवान|accessmonthday=18 मई|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= वेबदुनिया|language= हिन्दी}}</ref> | ||
*कहा जाता है कि जामवन्त सतयुग और [[त्रेतायुग]] में भी थे और [[द्वापर युग|द्वापर]] में भी उनके होने का वर्णन मिलता है। | *कहा जाता है कि जामवन्त सतयुग और [[त्रेतायुग]] में भी थे और [[द्वापर युग|द्वापर]] में भी उनके होने का वर्णन मिलता है। |
Latest revision as of 14:44, 6 July 2017
जामवन्त अथवा जांबवान रामायण के महत्त्वपूर्ण पात्र हैं। ये वानरराज सुग्रीव के मित्र थे। इन्होंने राम-रावण युद्ध में श्रीराम का पूरा साथ दिया था। पुराणों के अध्ययन से पता चलता है कि वशिष्ठ, अत्रि, विश्वामित्र, दुर्वासा, अश्वत्थामा, राजा बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम, मार्कण्डेय ऋषि, वेद व्यास और जामवन्त आदि कई ऋषि, मुनि और देवता सशरीर आज भी जीवित हैं।
- माना जाता है कि जामवन्त बहुत ही विद्वान् हैं। वेद, उपनिषद उन्हें कण्ठस्थ हैं। वह निरन्तर पढ़ा ही करते थे और इस स्वाध्यायशीलता के कारण ही उन्होंने लम्बा जीवन प्राप्त किया था।
- परशुराम और हनुमान के बाद जामवन्त ही एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनके तीनों युग में होने का वर्णन मिलता है और कहा जाता है कि वे आज भी जिंदा हैं। लेकिन परशुराम और हनुमान से भी लंबी उम्र है जामवन्त की; क्योंकि उनका जन्म सतयुग में राजा बलि के काल में हुआ था। परशुराम से बड़े हैं जामवन्त और जामवन्त से बड़े हैं राजा बलि।[1]
- कहा जाता है कि जामवन्त सतयुग और त्रेतायुग में भी थे और द्वापर में भी उनके होने का वर्णन मिलता है।
- जांबवान का जन्म अग्नि द्वारा एक गंधर्व कन्या के गर्भ से हुआ था। देवासुर संग्राम में देवताओं की सहायता के लिए इनका जन्म हुआ था।
- वानर सेना में अंगद, सुग्रीव, परपंजद पनस, सुषेण (तारा के पिता), कुमुद, गवाक्ष, केसरी, शतबली, द्विविद, मैंद, हनुमान, नील, नल, शरभ, गवय आदि थे। इनमें जामवन्त का नाम विशेष उल्लेखनीय है।[2]