विशाखदत्त

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 18:56, 23 July 2011 by मेघा (talk | contribs) ('{{पुनरीक्षण}} *विशाखदत्त गुप्तकाल की विभूति थे। *इनक...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
  • विशाखदत्त गुप्तकाल की विभूति थे।
  • इनके दो नाटक प्रसिद्ध हैं-
  1. मुद्राराक्षस तथा
  2. देवीचन्द्रगुप्तम्।
  • मुद्राराक्षस में चन्द्रगुप्त मौर्य के जीवन से सम्बन्धित घटनाओं का उल्लेख मिलता है।
  • देवीचन्द्रगुप्तम् से गुप्तवंशी शासक रामगुप्त के विषय में सूचनाएँ प्राप्त होती है।
  • यह नाटक अपने मूल रूप में नहीं मिलता। इसके कुछ अंश 'नाट्य दर्पण' में प्राप्त होते हैं।
  • विशाखदत्त ऐतिहासिक प्रवृत्ति के लेखक हैं। इनके नाटक वीर रस प्रधान हैं।
  • मुद्राराक्षस में प्रेमकथा, नायिका, विदूषक आदि का अभाव है तथा इस दृष्टि से यह संस्कृत साहित्य में अपना अलग स्थान रखता है।
  • इस ग्रंथ के चरित्र-चिरण में विशेष निपुणता का प्रदर्शन मिलता है।
  • इसकी भाषा प्रभावपूर्ण है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः