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<div style="padding-left:8px; background:#efeabd; border:thin solid #d2cd9f;">'''विशेष आलेख'''</div>  
<div style="padding-left:8px; background:#efeabd; border:thin solid #d2cd9f;">'''विशेष आलेख'''</div>  
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[कृष्ण जन्माष्टमी]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[होली]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Vasudev-Krishna.jpg|right|150px|right|बाल कृष्ण को यमुना पार ले जाते वसुदेव |link=कृष्ण जन्माष्टमी]]</div>
<div style="color:#993300"> [[चित्र:Kolaz-Holi.jpg|right|150px|right|होली के विभिन्न दृश्य |link=होली]]
*कृष्ण जन्माष्टमी भगवान [[श्री कृष्ण]] का जनमोत्सव है। भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के जन्मोत्सव का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।  
*होली [[भारत]] के प्रमुख चार त्योहारों ([[दीपावली]], [[रक्षाबंधन]], होली और [[दशहरा]]) में से एक है।  
*श्रीकृष्ण का जन्म [[भाद्रपद]] कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में [[देवकी]] [[वसुदेव|श्रीवसुदेव]] के पुत्ररूप में हुआ था। [[कंस]] ने अपनी मृत्यु के भय से बहन देवकी और वसुदेव को कारागार में क़ैद किया हुआ था।  
*प्रचलित मान्यता के अनुसार यह त्योहार [[हिरण्यकशिपु]] की बहन [[होलिका]] के मारे जाने की स्मृति में मनाया जाता है।  
*श्रीकृष्ण का अवतरण होते ही वसुदेव–देवकी की बेड़ियाँ खुल गईं, कारागार के द्वार स्वयं ही खुल गए, पहरेदार गहरी निद्रा में सो गए। वसुदेव किसी तरह श्रीकृष्ण को उफनती [[यमुना नदी|यमुना]] के पार [[गोकुल]] में अपने मित्र [[नंद|नन्दगोप]] के घर ले गए।
*[[संस्कृत]] शब्द होलक्का से होली शब्द का जन्म हुआ है। [[वैदिक धर्म|वैदिक]] [[युग]] में होलक्का को ऐसा अन्न माना जाता था, जो [[देवता|देवों]] का मुख्य रूप से खाद्य-पदार्थ था।  
*[[मथुरा]] में [[कृष्ण जन्मभूमि]] के अवसर पर देश–विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती हें और पूरे दिन व्रत रखकर नर-नारी तथा बच्चे रात्रि 12 बजे मन्दिरों में [[अभिषेक]] होने पर पंचामृत ग्रहण कर व्रत खोलते हैं।
*यह [[ब्रज]] का विशेष त्योहार है। फाल्गुन के माह रंगभरनी [[एकादशी]] से सभी मन्दिरों में फाग उत्सव प्रारम्भ होते हैं जो दौज तक चलते हैं। दौज को [[बलदेव मन्दिर मथुरा|बल्देव (दाऊजी)]] में हुरंगा होता है।
*कृष्ण जन्म स्थान के अलावा [[द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा|द्वारकाधीश]], [[बांके बिहारी मन्दिर वृन्दावन|बिहारीजी]] एवं अन्य सभी मन्दिरों में इसका भव्य आयोजन होता हैं, जिनमें भारी भीड़ होती है।  [[कृष्ण जन्माष्टमी|.... और पढ़ें]]
*होलिकापूजन पूर्ण चंद्रमा ([[फाल्गुन]] [[पूर्णिमा]]) के दिन ही होता है। इसी दिन सायंकाल को होली जलाई जाती है, तथा लोग इसी अग्नि के चारों ओर [[नृत्य]] व [[संगीत]] का आनन्द लेते हैं।
*देश के कई अलग-अलग प्रान्तों में होली को अलग अलग नामों से जाना जाता है और बड़े ही निराले अंदाजों में मनाया जाता है। जैसे- डोल पूर्णिमा ([[पश्चिम बंगाल]]), कमान पंदिगाई ([[तमिलनाडु]]), होला मोहल्ला ([[पंजाब]]), कामना हब्बा ([[कर्नाटक]]), फगुआ ([[बिहार]]), रंगपंचमी ([[महाराष्ट्र]]), शिमगो ([[गोवा]]), धुलेंडी ([[हरियाणा]]) आदि। [[होली|.... और पढ़ें]]
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| class="bg64" style="border:1px solid #e8d79c;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f5e6b2; border:thin solid #e8d79c;"> '''चयनित लेख'''</div>
| class="bg64" style="border:1px solid #e8d79c;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f5e6b2; border:thin solid #e8d79c;"> '''चयनित लेख'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रक्षाबन्धन]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[ओणम]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Raksha-Bandhan.jpg|right|150px|रक्षाबन्धन|link=रक्षाबन्धन]] </div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Onam-3.jpg|right|150px|ओणम|link=ओणम]] </div>
*रक्षाबन्धन [[भारत]] में भाई-बहन को स्नेह की डोर से बांधने वाला हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। [[श्रावण]] शुक्ल की [[पूर्णिमा]] को 'रक्षाबन्धन' मनाया जाता हैं। 
* ओणम, [[केरल]] का एक प्रमुख त्योहार है। जिस तरह [[उत्तरी भारत]] में [[दशहरा|दशहरे]] का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, उसी प्रकार केरल में ओणम का त्योहार मनाया जाता है।
*रक्षाबंधन का अर्थ है (रक्षा+बंधन) अर्थात किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना।
* वास्तव में ओणम का अर्थ है "श्रावण"। [[श्रावण]] के महीने में मौसम बहुत खुशगवार हो जाता है, चारों तरफ़ हरियाली छा जाती है, रंग–बिरंगे [[फूल|फूलों]] की सुगन्ध से सारा चमन महक उठता है। [[नारियल]] और ताड़ के वृक्षों से छाए हुए [[जल]] से भरे तालाब बहुत सुन्दर लगते हैं।
*भारतीय परम्परा में विश्वास का बन्धन ही मूल है और रक्षाबन्धन इसी विश्वास का बन्धन है।
* ओणम को मलयाली कैलेण्डर कोलावर्षम के पहले महीने 'छिंगम' यानी अगस्त-सितंबर के बीच मनाने की परंपरा चली आ रही है। ओणम के पहले दिन जिसे अथम कहते हैं, से ही घर-घर में ओणम की तैयारियां प्रारंभ हो जाती है और दस दिन के इस उत्सव का समापन अंतिम दिन जिसे 'थिरुओनम' या 'तिरुओणम' कहते हैं, को होता है।
*यह पर्व मात्र रक्षा-सूत्र के रूप में [[राखी]] बाँधकर रक्षा का वचन ही नहीं देता वरन् प्रेम, समर्पण, निष्ठा व संकल्प के जरिए हृदयों को बाँधने का भी वचन देता है।  
* केरल की सरकार भी ओणम पर्व को प्रायोजित करती है। नौका दौड़ व अन्य महोत्सव सरकार के संरक्षण में मनाए जाते हैं। सरकार ओणम से सम्बन्धित पर्यटन सप्ताह भी आयोजित करती है। जिसमें केरल की सांस्कृतिक धरोहर देखते ही बनती है। [[ओणम|.... और पढ़ें]]
*रक्षाबंधन के दिन देश में कई स्थानों पर ब्राह्मण, पुरोहित भी अपने यजमान की समृद्धि हेतु उन्हें रक्षा बाँधते हैं, जिसकी उन्हें दक्षिणा भी मिलती है।  
*[[मुंबई]] में रक्षाबंधन पर्व को नारली (नारियल) पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। जल के देवता [[वरुण देवता|वरुण]] को प्रसन्न करने के लिए समुद्र को (नारियल) अर्पित किए जाते हैं। [[रक्षाबन्धन|.... और पढ़ें]]
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  • यहाँ हम भारतीय संस्कृति से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • भारतीय संस्कृति विश्व की प्रधान संस्कृति है, यह कोई गर्वोक्ति नहीं, बल्कि वास्तविकता है। भारतीय संस्कृति को देव संस्कृति कहकर सम्मानित किया गया है।


  1. REDIRECTसाँचा:विशेष2

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  • भारत के अनेकों धर्मों तथा परम्पराओं और उनका आपस में संमिश्रण ने विश्व के अनेकों स्थानों को भी प्रभावित किया है।
  • हजारों वर्षों से भारत की सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाओं, रीति-रिवाजों आदि में विविधता बनी रही है जो कि आज भी विद्यमान है, और यही अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की महान विशेषता है।
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
विशेष आलेख
right|150px|right|होली के विभिन्न दृश्य |link=होली
चयनित लेख
  • ओणम, केरल का एक प्रमुख त्योहार है। जिस तरह उत्तरी भारत में दशहरे का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, उसी प्रकार केरल में ओणम का त्योहार मनाया जाता है।
  • वास्तव में ओणम का अर्थ है "श्रावण"। श्रावण के महीने में मौसम बहुत खुशगवार हो जाता है, चारों तरफ़ हरियाली छा जाती है, रंग–बिरंगे फूलों की सुगन्ध से सारा चमन महक उठता है। नारियल और ताड़ के वृक्षों से छाए हुए जल से भरे तालाब बहुत सुन्दर लगते हैं।
  • ओणम को मलयाली कैलेण्डर कोलावर्षम के पहले महीने 'छिंगम' यानी अगस्त-सितंबर के बीच मनाने की परंपरा चली आ रही है। ओणम के पहले दिन जिसे अथम कहते हैं, से ही घर-घर में ओणम की तैयारियां प्रारंभ हो जाती है और दस दिन के इस उत्सव का समापन अंतिम दिन जिसे 'थिरुओनम' या 'तिरुओणम' कहते हैं, को होता है।
  • केरल की सरकार भी ओणम पर्व को प्रायोजित करती है। नौका दौड़ व अन्य महोत्सव सरकार के संरक्षण में मनाए जाते हैं। सरकार ओणम से सम्बन्धित पर्यटन सप्ताह भी आयोजित करती है। जिसमें केरल की सांस्कृतिक धरोहर देखते ही बनती है। .... और पढ़ें
कुछ लेख
संस्कृति श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

[[चित्र:Life-In-Nagaland-4.jpg|300px|नागालैंड की संस्कृति|center]]


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