अम्बा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
No edit summary
Line 4: Line 4:
*प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर अम्बा ने कठिन तपस्या की और [[शिव]] का वरदान प्राप्त कर आगामी जन्म में [[शिखण्डी]] के रूप में अवतीर्ण होकर [[अर्जुन]] के द्वारा भीष्म को जर्जर कराकर बदला लिया।  
*प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर अम्बा ने कठिन तपस्या की और [[शिव]] का वरदान प्राप्त कर आगामी जन्म में [[शिखण्डी]] के रूप में अवतीर्ण होकर [[अर्जुन]] के द्वारा भीष्म को जर्जर कराकर बदला लिया।  
*भीष्म इस वास्तविकता से अवगत थे।
*भीष्म इस वास्तविकता से अवगत थे।
<br />
 
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{महाभारत}}
{{महाभारत}}{{महाभारत2}}{{पौराणिक चरित्र}}
{{महाभारत2}}
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:महाभारत]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
[[Category:महाभारत]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 07:28, 28 December 2010

  • काशीराज इन्द्रद्युम्न की तीन कन्याओं में ज्येष्ठ कन्या अम्बा थी। भीष्म ने अपने दो सौतले छोटे भाईयों- विचित्रवीर्य और चित्रांगद के विवाह के लिए काशीराज की पुत्रियों का अपहरण किया था।
  • भीष्म के पराक्रम के कारण वे उन पर मुग्ध थी और उनसे विवाह करना चाहती थीं। किन्तु भीष्म आजीवन ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा कर चुके थे, अत: यह विवाह सम्पन्न न हो सका।
  • इस अपहरण की घटना के पूर्व इनका विवाह शाल्व के साथ होना निश्चित हो चुका था। परन्तु इस घटना के कारण उन्होंने भी अम्बा से विवाह करना अस्वीकार कर दिया।
  • प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर अम्बा ने कठिन तपस्या की और शिव का वरदान प्राप्त कर आगामी जन्म में शिखण्डी के रूप में अवतीर्ण होकर अर्जुन के द्वारा भीष्म को जर्जर कराकर बदला लिया।
  • भीष्म इस वास्तविकता से अवगत थे।

संबंधित लेख