भीष्मक: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''भीष्मक''' हिन्दू पौराणिक महाभारत|महाकाव्य महाभा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 9: | Line 9: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{महाभारत}}{{पौराणिक चरित्र}} | {{महाभारत}}{{महाभारत युद्ध}}{{पौराणिक चरित्र}} | ||
[[Category:महाभारत]][[Category:कृष्ण काल]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत शब्दकोश]][[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | [[Category:महाभारत]][[Category:कृष्ण काल]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत शब्दकोश]][[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 12:32, 14 January 2016
भीष्मक हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार एक परम तेजस्वी और सद्गुणी नृपति थे। कुण्डिनपुर उनकी राजधानी थी। ये रुक्मिणी के पिता तथा श्रीकृष्ण के श्वसुर थे।
- राजा भीष्मक के पांच पुत्र और एक पुत्री थी। रुक्मी उनका ज्येष्ठ पुत्र था। उनकी पुत्री रुक्मिणी पाँच भाइयों के बाद उत्पन्न हुई थी, इसलिये सभी की लाडली थी। रुक्मिणी के शरीर में लक्ष्मी के शरीर के समान ही लक्षण थे, इसलिये लोग उन्हें 'लक्ष्मीस्वरूपा' भी कहा करते थे।
- भीष्मक शिशुपाल तथा मगधराज जरासंध के प्रति भक्ति रखते थे। अपने अस्त्रकौशल के बल पर उन्होंने समूचे पांडव तथा बैशिक देशों पर आधिपत्य कर लिया था। पांडव सहदेव ने राजसूय यज्ञ के अवसर पर दो दिनों तक युद्ध करके भीष्मक को पराजित किया था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
|
|
Retrieved from "https://en.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=भीष्मक&oldid=546402"