इरावत: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
(7 intermediate revisions by 5 users not shown)
Line 1: Line 1:
*इरावत [[अर्जुन]] तथा नागराज की कन्या [[उलूपी]] का पुत्र था। उसने [[महाभारत]] के युद्ध में महाबली राजकुमार विंद और अनुविंद को हरा दिया था।  
*इरावत [[अर्जुन]] तथा नागराज की कन्या [[उलूपी]] का पुत्र था।  
*महाभारत के युद्ध में उसने सुबल के पुत्रों अर्थात शुकुनि के भाइयों का हनन कर डाला था-इससे क्रुद्ध होकर [[दुर्योधन]] ने राक्षस ऋष्यशृंग के पुत्र अलंबुष की शरण ली।  
*इरावत ने [[महाभारत]] के युद्ध में महाबली राजकुमार विंद और अनुविंद को हरा दिया था।  
*अलंबुष युद्ध क्षेत्र में पहुँचा तो इरावत ने उसका धनुष और मस्तक काट डाला। क्रोध से पागल वह पहले तो आकाश में उड़ गया। इरावत ने भी आकाश में उड़कर उससे युद्ध किया। अलंबुष बाणों इत्यादि से कटने पर भी पुन: ठीक होने की शक्ति से सम्पन्न था तथा वह मायावी भी था। उसने तरह-तरह से इरावत को क़ैद करने का प्रयत्न किया। इरावत ने शेषनाग के समान विशाल रूप धारण कर लिया तथा बहुत से नागों के द्वारा राक्षस अलंबुष को आच्छादित कर दिया। राक्षस ने [[गरुड़]] का रूप धारण कर समस्त नागों का नाश कर दिया तथा इरावत को भी मार डाला।
*महाभारत के युद्ध में इरावत ने [[सुबल]] के पुत्रों अर्थात् [[शकुनि]] के भाइयों का हनन कर डाला था।
*इरावत से क्रुद्ध होकर [[दुर्योधन]] ने राक्षस ऋष्यशृंग के पुत्र अलंबुष की शरण ली।  
*अलंबुष युद्ध क्षेत्र में पहुँचा तो इरावत ने उसका [[धनुष अस्त्र|धनुष]] और मस्तक काट डाला।  
*अलंबुष क्रोध से पागल होकर आकाश में उड़ गया।  
*इरावत ने भी आकाश में उड़कर उससे युद्ध किया।  
*अलंबुष बाणों इत्यादि से कटने पर भी पुन: ठीक होने की शक्ति से सम्पन्न था तथा वह मायावी भी था। उसने तरह-तरह से इरावत को कैद करने का प्रयत्न किया।  
*इरावत ने [[शेषनाग]] के समान विशाल रूप धारण कर लिया तथा बहुत से [[नाग|नागों]] के द्वारा राक्षस अलंबुष को आच्छादित कर दिया।  
*राक्षस ने [[गरुड़]] का रूप धारण कर समस्त नागों का नाश कर दिया तथा इरावत को भी मार डाला।




 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
|आधार=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
(पुस्तक 'भारतीय मिथक कोश') पृष्ठ संख्या-30
{{cite book | last =विद्यावाचस्पति | first =डॉक्टर उषा पुरी | title =भारतीय मिथक कोश| edition = | publisher =नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली| location =भारत डिस्कवरी पुस्तकालय| language =[[हिन्दी]]| pages =30| chapter =}}
<references/>
<references/>
{{महाभारत}}
{{महाभारत}}
{{महाभारत2}}{{पौराणिक चरित्र}}  
{{पौराणिक चरित्र}}  
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
[[Category:महाभारत]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:महाभारत]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
 
[[Category:नया पन्ना]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:55, 7 November 2017

  • इरावत अर्जुन तथा नागराज की कन्या उलूपी का पुत्र था।
  • इरावत ने महाभारत के युद्ध में महाबली राजकुमार विंद और अनुविंद को हरा दिया था।
  • महाभारत के युद्ध में इरावत ने सुबल के पुत्रों अर्थात् शकुनि के भाइयों का हनन कर डाला था।
  • इरावत से क्रुद्ध होकर दुर्योधन ने राक्षस ऋष्यशृंग के पुत्र अलंबुष की शरण ली।
  • अलंबुष युद्ध क्षेत्र में पहुँचा तो इरावत ने उसका धनुष और मस्तक काट डाला।
  • अलंबुष क्रोध से पागल होकर आकाश में उड़ गया।
  • इरावत ने भी आकाश में उड़कर उससे युद्ध किया।
  • अलंबुष बाणों इत्यादि से कटने पर भी पुन: ठीक होने की शक्ति से सम्पन्न था तथा वह मायावी भी था। उसने तरह-तरह से इरावत को कैद करने का प्रयत्न किया।
  • इरावत ने शेषनाग के समान विशाल रूप धारण कर लिया तथा बहुत से नागों के द्वारा राक्षस अलंबुष को आच्छादित कर दिया।
  • राक्षस ने गरुड़ का रूप धारण कर समस्त नागों का नाश कर दिया तथा इरावत को भी मार डाला।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

विद्यावाचस्पति, डॉक्टर उषा पुरी भारतीय मिथक कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली, 30।