दुष्यंत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:33, 10 January 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
Jump to navigation Jump to search

राजा दुष्यंत

  • चन्द्रवंशी राजा दुष्यंत के माता-पिता के नाम के सम्बन्ध में भिन्न-भिन्न मत है। भागवत रैभ को हरिवंश में सुंत को, महाभारत में ऐति को और वायु पुराण में मल्लि को इसका पिता बताया गया है।
  • इसी प्रकार कहीं पर माँ का नाम उपदानवी मिलता है और कहीं पर स्तनतरी।
  • महाभारत के अनुसार दुष्यंत एक बार शिकार खेलते हुए कण्व ॠषि के आश्रम में जा पहुँचे। वहाँ मेनका अप्सरा के गर्भ से उत्पन्न विश्वामित्र की अति सुंदरी कन्या शकुन्तला पर मुग्ध हो गए। दोनों ने गंधर्व विवाह कर लिया, और उसे वहीं छोड़कर अपनी राजधानी लौट गया।
  • शकुंतला का लालन-पालन कण्व ऋषि ने किया था, क्योंकि मेनका उसे वन में छोड़ गयी थी। कण्व बाहर गये हुए थे। लौटने पर उनको सब समाचार विदित हुए।
  • शकुंतला ने पुत्र को जन्म दिया। कण्व ने उनको नगर पहुँचाने की व्यवस्था कीं पहले तो दुष्यंत ने उसे ग्रहण नहीं किया, किन्तु बाद में आकाशवाणी होने पर उसे अपनी भूल का पता चला और शकुन्तला को पतिगृह में स्थान मिला।
  • भरत श्रीहरि का अंशावतार था। उसके हाथ में चक्र था तथा पैरों में कमलकोश का चिह्न था।
  • कहते हैं, देश का नाम 'भारत' इसी के नाम पर पड़ा।
  • कालिदास ने अपने नाटक 'अभिज्ञान शाकुंतल' में दुर्वासा के शाप और राजा की अंगूठी खोने की जो घटना दी है, वह महाभारत की मूल कहानी से भिन्न है। उसे लोग कवि-कल्पना मानते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः