प्रांगण:मुखपृष्ठ/इतिहास: Difference between revisions
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♦ यहाँ आप भारत के इतिहास से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। <br /> | ♦ यहाँ आप भारत के इतिहास से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। <br /> | ||
♦ भारतीय इतिहास जानने के स्त्रोत को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता हैं- | ♦ भारतीय इतिहास जानने के स्त्रोत को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता हैं- साहित्यिक साक्ष्य, विदेशी यात्रियों का विवरण और पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य। | ||
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♦ भारत में मानव का सबसे पहला प्रमाण केरल से मिला है जो '''सत्तर हज़ार साल पुराना होने की संभावना''' है। जिसका आधार अफ़्रीक़ा के प्राचीन मानव से जैविक गुणसूत्रों (जीन्स) का मिलना है। | ♦ भारत में मानव का सबसे पहला प्रमाण केरल से मिला है जो '''सत्तर हज़ार साल पुराना होने की संभावना''' है। जिसका आधार अफ़्रीक़ा के प्राचीन मानव से जैविक गुणसूत्रों (जीन्स) का मिलना है।<br /> | ||
♦ यह काल वह है जब अफ़्रीक़ा से आदि मानव ने विश्व के अनेक हिस्सों में बसना प्रारम्भ किया जो पचास से सत्तर हज़ार साल पहले का माना जाता है। | ♦ यह काल वह है जब अफ़्रीक़ा से आदि मानव ने विश्व के अनेक हिस्सों में बसना प्रारम्भ किया जो पचास से सत्तर हज़ार साल पहले का माना जाता है। | ||
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*इस काल के भारतीय इतिहास की सबसे प्रमुख घटना है- '''भारत में राष्ट्रवादी भावना का उदय''' और [[1947]] ई. में भारत की स्वाधीनता के रूप में अंतिम विजय। | *इस काल के भारतीय इतिहास की सबसे प्रमुख घटना है- '''भारत में राष्ट्रवादी भावना का उदय''' और [[1947]] ई. में भारत की स्वाधीनता के रूप में अंतिम विजय। | ||
*स्वाधीन भारत को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, वे सरल नहीं थीं। उसे सबसे पहले साम्प्रदायिक उन्माद को शान्त करना था। भारत ने जानबूझकर धर्म निरपेक्ष राज्य बनना पसंद किया। '''[[भारत का इतिहास|.... और पढ़ें]]''' | *स्वाधीन भारत को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, वे सरल नहीं थीं। उसे सबसे पहले साम्प्रदायिक उन्माद को शान्त करना था। भारत ने जानबूझकर धर्म निरपेक्ष राज्य बनना पसंद किया। '''[[भारत का इतिहास|.... और पढ़ें]]''' | ||
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| class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''चयनित लेख'''</span></div> | |||
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[अशोक|अशोक महान]]'''</div> | |||
<div id="rollnone"> [[चित्र:Ashoka.jpg|right|100px|अशोक|link=अशोक]] </div> | |||
*अशोक महान प्राचीन भारत में [[मौर्य वंश|मौर्य राजवंश]] का राजा था। '''अशोक का 'देवनाम प्रिय' एवं 'प्रियदर्शी' आदि नामों''' से भी उल्लेख किया जाता है। | |||
*अशोक प्राचीन भारत के मौर्य सम्राट [[बिंदुसार]] का पुत्र था। जिसका जन्म लगभग 304 ई. पूर्व में माना जाता है। | |||
*सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य के बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जाना जाता है। | |||
*[[भारत]] के अन्दर अशोक एक विजेता रहा। '''उसने खस, [[नेपाल]] को विजित किया और [[तक्षशिला]] के विद्रोह का शान्त''' किया। | |||
*[[अशोक के शिलालेख|अशोक के शिलालेखों]] तथा स्तंभलेखों से अशोक के साम्राज्य की सीमा की ठीक जानकारी प्राप्त होती है। | |||
*अशोक ने [[बौद्ध धर्म]] ग्रहण किया, इस धर्म के उपदेशों को न केवल देश में वरन विदेशों में भी प्रचारित करने के लिए प्रभावशाली क़दम उठाए। | |||
*मौर्य राज्य सभा में सभी धर्मों के विद्वान भाग लेते थे, जैसे- ब्राह्मण, दार्शनिक, निग्रंथ, आजीवक, बौद्ध तथा यूनानी दार्शनिक। | |||
*संसार के इतिहास में अशोक इसलिए विख्यात है क्योंकि उसने निरन्तर मानव की नैतिक उन्नति के लिए प्रयास किया। '''[[अशोक|.... और पढ़ें]]''' | |||
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| class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''चयनित लेख'''</span></div> | | class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''चयनित लेख'''</span></div> | ||
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*अकबर की पहली पत्नी और युवराज [[सलीम]] की माँ का मूल नाम अज्ञात है। वह अपने वास्तविक नाम से नहीं अपनी उपाधि '''मरियम ज़मानी''' के नाम से प्रसिद्ध रही थी। | *अकबर की पहली पत्नी और युवराज [[सलीम]] की माँ का मूल नाम अज्ञात है। वह अपने वास्तविक नाम से नहीं अपनी उपाधि '''मरियम ज़मानी''' के नाम से प्रसिद्ध रही थी। | ||
*सम्राट अकबर अपनी योग्यता, वीरता, बुद्धिमत्ता और शासन−कुशलता के कारण ही एक बड़े साम्राज्य का निर्माण कर सका था। | *सम्राट अकबर अपनी योग्यता, वीरता, बुद्धिमत्ता और शासन−कुशलता के कारण ही एक बड़े साम्राज्य का निर्माण कर सका था। | ||
*अकबर के '''दरबार में 9 विशेष दरबारी थे जिन्हें अकबर के नवरत्न''' के नाम से भी जाना जाता है। '''[[ | *अकबर के '''दरबार में 9 विशेष दरबारी थे जिन्हें अकबर के नवरत्न''' के नाम से भी जाना जाता है। '''[[अकबर|.... और पढ़ें]]''' | ||
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Revision as of 08:16, 4 December 2010
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