कपिल कपूर: Difference between revisions
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Latest revision as of 08:34, 9 July 2023
कपिल कपूर
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पूरा नाम | कपिल कपूर |
जन्म | 17 नवम्बर, 1940 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | लेखन, शिक्षण |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण, 2023 |
प्रसिद्धि | भाषा विज्ञानी, साहित्यकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | वर्ष 1996 से 1999 तक कपिल कपूर जेएनयू के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन विभाग के डीन रहे। इसके बाद 1999 से 2002 तक लेक्चरर रहे। |
अद्यतन | 14:04, 9 जुलाई 2023 (IST)
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इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
कपिल कपूर (अंग्रेज़ी: Kapil Kapoor, जन्म- 17 नवम्बर, 1940) भारतीय भाषा विज्ञानी, साहित्य के विद्वान और अंग्रेज़ी केंद्र में (1996 से) अंग्रेज़ी के पूर्व प्रोफेसर हैं। उन्हें साल 2000 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में संस्कृत अध्ययन के लिए विशेष केंद्र में समवर्ती प्रोफेसर के रूप में नामित किया गया था। कपिल कपूर ने 42 पीएचडी और 30 एमफिल का मार्गदर्शन किया है। शिक्षा और साहित्य क्षेत्र में योगदान के लिए जेएनयू के पूर्व प्रो. वाइस चांसलर कपिल कपूर को पद्म भूषण, 2023 दिया गया है।
निर्वहन
जेएनयू में प्रोफेसर, डीन, समकुलपति से लेकर कपिल कपूर ने कई जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। वे पिछले 42 वर्ष से शिक्षण कार्य से जुड़े हुए हैं। वे भाषा व साहित्य के विद्वान हैं। वर्ष 2005 वे जेएनयू से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका जन्म 17 नवंबर 1940 को हुआ था। शिक्षा के श्रेत्र में उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं।[1]
संपादन कार्य
कपिल कपूर वर्ष 2012 में ग्यारह भागों में प्रकाशित किए गए 'हिंदू धर्म के विश्वकोश' (अंग्रेज़ी में) के मुख्य संपादक हैं। उन्होंने अपने शिक्षण एवं अनुसंधान में प्रमुख रूप से साहित्यिक एवं भाषायी सिद्धांत (भारतीय एवं पाश्चात्य), भाषा-दर्शन, 19वीं शताब्दी के ब्रिटेन का जनजीवन, साहित्य एवं विचार, भारतीय बौद्धिक परम्पराओं आदि पर उल्लेखनीय कार्य किया है। वे भारतीय बौद्धिक परंपरा के भी प्रतिनिधि विद्वान हैं।
लेखन
वर्ष 1996 से 1999 तक कपिल कपूर जेएनयू के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन विभाग के डीन रहे। इसके बाद 1999 से 2002 तक लेक्चरर रहे। उन्होंने कुछ समय समकुलपति का पदभार भी संभाला। उनके मार्गदर्शन में 41 शोधार्थियों को पीएचडी एवं 36 को एम-फिल की उपाधि मिल चुकी है। उनकी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी वे निरंतर लेखन कार्य में जुटे रहते हैं। उनकी कई नई पुस्तकें भी आने वाली हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जेएनयू में डीन रहे प्रो. कपिल कपूर को पद्मभूषण (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 09 जुलाई, 2023।
संबंधित लेख
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