वेद प्रकाश शर्मा: Difference between revisions

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Revision as of 14:39, 19 February 2017

वेद प्रकाश शर्मा (अंग्रेज़ी: Ved Prakash Sharma, जन्म : 6 जून, 1955 - मृत्यु: 17 फ़रवरी, 2017) हिंदी के लोकप्रिय उपन्यासकार एवं फ़िल्म पटकथा लेखक थे। इन्होंने सस्ते और लोकप्रिय उपन्यासों की रचना की है। 'वर्दी वाला गुंडा' वेद प्रकाश शर्मा का सफलतम थ्रिलर उपन्यास है। इस उपन्यास की लगभग 8 करोड़ प्रतियाँ बिक चुकी हैं। भारत में जनसाधारण में लोकप्रिय थ्रिलर उपन्यासों की दुनिया में यह उपन्यास "क्लासिक" का दर्जा रखता है। कहते हैं कि 1993 में 'वर्दी वाला गुंडा' की पहले ही दिन देशभर में 15 लाख कॉपी बिक गई थीं। मेरठ शहर के सभी बुक स्टॉल से नॉवेल घंटों में गायब थीं। प्री-ऑर्डर और अडवांस बुकिंग वाले आज के 'बेस्टसेलर' जमाने से पहले लोग पहले उनके नॉवेल अडवांस में बुक कराते थे।

जीवन परिचय

6 जून, 1955 को मेरठ में जन्मे वेद प्रकाश शर्मा के पिता पं. मिश्रीलाल शर्मा मूलत: मुजफ्फरनगर जिले के बिहरा गांव के रहने वाले थे। वेद प्रकाश एक बहन और सात भाइयों में सबसे छोटे हैं। एक भाई और बहन को छोड़कर सबकी प्राकृतिक-अप्राकृतिक मौत हो गई। 1962 में बड़े भाई की मौत हुई और उसी साल इतनी बारिश हुई कि किराए का मकान टूट-टाट गया। फिर गैंगरीन की वजह से पिता की एक टांग काटनी पड़ी। घर में कोई कमाने वाला नहीं था, सारी जिम्मेदारी मां पर आ गई। जीवन और समाज को करीब से देखने वाले वेद प्रकाश की तीन बेटियां (करिश्मा, गरिमा और खुशबू) और उपन्यासकार बेटा शगुन शादीशुदा हैं।

प्रसिद्ध उपन्यास

वेद प्रकाश शर्मा के 'वर्दी वाला गुंडा', 'बहू मांगे इंसाफ' जैसे कई उपन्यासों ने धूम मचा दी थी। पहले दूसरों के लिए 'घोस्ट राइटिंग' की। फिर खुद का नाम मिला। अपने नाम से कुल 173 उपन्यास लिखे। खिलाड़ी श्रृंखला की फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखी। 'बहू मांगे इंसाफ' पर शशिलाल नायर के निर्देशन में बहू की आवाज फिल्म बनी। मेरठ आए आमिर खान की जब उनसे मुलाकात हुई थी, तो उन्होंने एक फिल्म के लिए स्क्रिप्ट लिखने का आग्रह किया था और वेद प्रकाश उस पर काम कर रहे थे।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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