धौम्य ऋषि

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:00, 7 May 2011 by आशा चौधरी (talk | contribs) ('#धौम्य एक ऋषि, जो देवल के भाई और पांडवों के पुर...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
  1. धौम्य एक ऋषि, जो देवल के भाई और पांडवों के पुरोहित थे और जो अब पश्चिमी आकाश में स्थित एक तारे के रूप में माने जाते हैं।
  2. धौम्य एक ऋषि जो महाभारत के अनुसार व्यघ्रपद नामक ऋषि के पुत्र और बहुत बड़े शिव-भक्त थे और शिव के प्रसाद से अजर, अमर और दिव्य ज्ञान संपन्न हो गये थे।
  3. धौम्य एक ऋषि का नाम जिन्हें 'आयोद' भी कहते थे। इनके आरुणि, उपमन्यु और वेद नामक तीन शिष्य थे।
  4. धौम्य एक ऋषि, जो पश्चिम दिशा में तारे के रूप में स्थित माने जाते हैं।[1]
  5. धौम्य ऋषि की कहानी है जिनके आश्रम में आरुणि पढ़ा करते थे। आरुणि ने ही एक रात मूसलाधार बारिश के पानी को आश्रम में प्रवेश करने से रोकने के लिए खुद को रात भर मेढ़ पर लिटाए रखा और आरुणि के इस कठिन कर्म से प्रभावित होकर आचार्य धौम्य ने उनका नाम रख दिया था, उद्दालक आरुणि यानी उद्धारक आरुणि।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी

  1. शब्द का अर्थ खोजें (हिन्दी) भारतीय साहित्य संग्रह। अभिगमन तिथि: 2मई, 2011।
  2. भारतीय संस्कृति के केन्द्र ‘तपोवन’ (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 3मई, 2011।

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः