रामदहिन मिश्र: Difference between revisions
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'''रामदहिन मिश्र''' (जन्म- [[1896]], [[आरा]], [[बिहार]]; मृत्यु- [[1 दिसंबर]], [[1952]] [[वाराणसी]]) अध्यापन, लेखन और प्रकाशन व्यवसाय से जुड़े रहने के साथ-साथ काव्यशास्त्र के क्षेत्र में विख्यात थे। | '''रामदहिन मिश्र''' (जन्म- [[1896]], [[आरा]], [[बिहार]]; मृत्यु- [[1 दिसंबर]], [[1952]] [[वाराणसी]]) अध्यापन, लेखन और प्रकाशन व्यवसाय से जुड़े रहने के साथ-साथ काव्यशास्त्र के क्षेत्र में विख्यात थे। | ||
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रामदहिन मिश्र का जन्म 1896 ईसवी में आरा ज़िला (बिहार) के पव्यार [[गाँव]] में हुआ था। इनके [[पिता]] सिद्धेश्वर मिश्र डुमराव राज्य के ज्योतिषी थे। इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही ली। उसके बाद वाराणसी में न्याय, [[वेदांत]], [[व्याकरण]] और [[अंग्रेज़ी]] का अध्ययन किया। कुछ समय तक अध्यापन, लेखन और प्रकाशन व्यवसाय से जुड़े रहने के बाद रामदहिन मिश्र साहित्य-साधना में लग गये। {{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=732|url=}} | रामदहिन मिश्र का जन्म 1896 ईसवी में आरा ज़िला (बिहार) के पव्यार [[गाँव]] में हुआ था। इनके [[पिता]] सिद्धेश्वर मिश्र डुमराव राज्य के ज्योतिषी थे। इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही ली। उसके बाद वाराणसी में न्याय, [[वेदांत]], [[व्याकरण]] और [[अंग्रेज़ी]] का अध्ययन किया। कुछ समय तक अध्यापन, लेखन और प्रकाशन व्यवसाय से जुड़े रहने के बाद रामदहिन मिश्र साहित्य-साधना में लग गये।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=732|url=}}</ref> | ||
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Latest revision as of 07:37, 12 June 2018
रामदहिन मिश्र (जन्म- 1896, आरा, बिहार; मृत्यु- 1 दिसंबर, 1952 वाराणसी) अध्यापन, लेखन और प्रकाशन व्यवसाय से जुड़े रहने के साथ-साथ काव्यशास्त्र के क्षेत्र में विख्यात थे।
परिचय
रामदहिन मिश्र का जन्म 1896 ईसवी में आरा ज़िला (बिहार) के पव्यार गाँव में हुआ था। इनके पिता सिद्धेश्वर मिश्र डुमराव राज्य के ज्योतिषी थे। इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही ली। उसके बाद वाराणसी में न्याय, वेदांत, व्याकरण और अंग्रेज़ी का अध्ययन किया। कुछ समय तक अध्यापन, लेखन और प्रकाशन व्यवसाय से जुड़े रहने के बाद रामदहिन मिश्र साहित्य-साधना में लग गये।[1]
योगदन
आपने पश्चिमी और पूर्वी साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया, जो उस समय नयी दिशा थी। आधुनिक युग के साहित्य को ध्यान में रखते हुए काव्यशास्त्र पर गंभीर रूप से विचार करके आपने बड़ा योगदान दिया है।
रचनाएं
रामदहिन मिश्र की रचनाओं में जो प्रसिद्ध ग्रंथ हैं, वह निम्नलिखित हैं-
- 'काव्य लोक'
- 'काव्य दर्पण'
- 'काव्य में अप्रस्तुत योजना'
- 'काव्य विमर्श'
मृत्यु
रामदहिन मिश्र का 1 दिसंबर, 1952 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में देहांत हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 732 |
बाहरी कड़ियाँ
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