अतीन बंद्योपाध्याय: Difference between revisions

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Latest revision as of 10:51, 8 October 2022

अतीन बंद्योपाध्याय
पूरा नाम अतीन बंद्योपाध्याय
अन्य नाम अतीन बनर्जी
जन्म 1 मार्च, 1934
जन्म भूमि ढाका, तत्कालीन अविभाजित बंगाल
मृत्यु 19 जनवरी, 2019
मृत्यु स्थान कोलकाता, पश्चिम बंगाल
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र लेखन
मुख्य रचनाएँ पंचशती गल्प, 'नीलकंठ पखिर खोंजे', 'अलौकिक जलयान', 'निल तिमी', 'एकती जल रेखा'।
भाषा बांग्ला
पुरस्कार-उपाधि साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2001
प्रसिद्धि बांग्ला साहित्यकार, उपन्यासकार, कहानीकार
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख बांग्ला साहित्य
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

अतीन बंद्योपाध्याय (अंग्रेज़ी: Atin Bandyopadhyay, जन्म- 1 मार्च, 1934; मृत्यु- 19 जनवरी, 2019) बंगाली भाषा के विख्यात साहित्यकार थे। उनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह 'पंचशती गल्प' के लिये उन्हें वर्ष 2001 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

  • अतीन बंद्योपाध्याय का जन्म तत्कालीन अविभाजित बंगाल के ढाका में हुआ था।
  • उन्होंने एक नाविक, स्कूल शिक्षक, कारखाना प्रबंधक और पत्रकार से लेकर आखिरकार एक लेखक बनने तक का सफर तय किया था।
  • लघु कहानी–संग्रह ‘पंचशती गल्प’ के लिए उन्हें 2001 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' दिया गया था।
  • अतीन बंद्योपाध्याय ने कई दशकों के अपने शानदार कॅरियर में कई लोकप्रिय उपन्यास लिखे, जैसे-
  1. 'नीलकंठ पखिर खोंजे'
  2. 'अलौकिक जलयान'
  3. 'निल तिमी'
  4. 'एकती जल रेखा'
  • उन्होंने 'भरतभार्षो' के लिए 'बंकिम पुरस्कार' (1998) भी प्राप्त किया था।
  • बंगाली लेखक अतीन बंद्योपाध्याय को सेरेब्रल पॉल्सी (मस्तिष्काघात) के कारण गिरने की वजह से सिर में गम्भीर चोट आई थी। इसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में वेंटिलेशन पर रखा गया था। बाद में शनिवार के दिन 19 जनवरी, 2019 को उनका निधन हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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