कमल किशोर गोयनका: Difference between revisions
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'''कमल किशोर गोयनका''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kamal Kishor Goenka'', जन्म- [[11 अक्टूबर]], [[1938]], [[बुलंदशहर]], [[उत्तर प्रदेश]]) [[हिन्दी]] के प्रख्यात लेखक हैं। वर्ष [[2014]] के लिए 24वें [[व्यास सम्मान]] से उन्हें सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें उनकी पुस्तक 'प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन' के लिए दिया गया। डॉ. गोयनका ने [[हिन्दी साहित्य]] के बड़े साहित्यकारों में से एक [[मुंशी प्रेमचंद]] के लेखों का महत्वपूर्ण विश्लेषण किया है। मुंशी प्रेमचन्द पर उनकी अनेकों पुस्तकें व लेख प्रकाशित हो चुके हैं। प्रवासी हिन्दी साहित्य को एकत्रित करने, अध्ययन एवं विश्लेषण करने में उनकी अहम भूमिका रही है। साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित 'प्रेमचन्द ग्रंथावली' के संकलन एवं सम्पादन में उनका विशेष योगदान है। | {{सूचना बक्सा साहित्यकार | ||
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कमल किशोर गोयनका [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] से एम.ए., एम.फिल., प्रेमचंद पर पीएच.डी. एवं डी.लिट् करने वाले, [[दिल्ली]] के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से अवकाश प्राप्त [[भारत]] के एकमात्र शोधार्थी रहे हैं। केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल एवं [[केंद्रीय हिंदी संस्थान]], [[आगरा]] के आप उपाध्यक्ष रहे। देश-विदेश में प्रेमचंद स्कॉलर एवं प्रेमचंद विशेषज्ञ के रूप में इनकी ख्याति है। प्रेमचंद के जीवन, विचार तथा [[साहित्य]] पर दशकों से कमल किशोर गोयनका निरंतर कार्यरत हैं। हिन्दी में पहली बार प्रेमचंद की जीवनी का काल-क्रमानुसार लेखन इन्होंने किया। प्रेमचंद पर 22, प्रवासी साहित्य पर छह पुस्तकें एवं तीन प्रतिनिधि संकलन, अन्य लेखकों पर 20 पुस्तकें, साढ़े तीन सौ से अधिक लेख, शोध-पत्र प्रकाशित-संपादित कर चुके है। | कमल किशोर गोयनका [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] से एम.ए., एम.फिल., प्रेमचंद पर पीएच.डी. एवं डी.लिट् करने वाले, [[दिल्ली]] के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से अवकाश प्राप्त [[भारत]] के एकमात्र शोधार्थी रहे हैं। केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल एवं [[केंद्रीय हिंदी संस्थान]], [[आगरा]] के आप उपाध्यक्ष रहे। देश-विदेश में प्रेमचंद स्कॉलर एवं प्रेमचंद विशेषज्ञ के रूप में इनकी ख्याति है। प्रेमचंद के जीवन, विचार तथा [[साहित्य]] पर दशकों से कमल किशोर गोयनका निरंतर कार्यरत हैं। हिन्दी में पहली बार प्रेमचंद की जीवनी का काल-क्रमानुसार लेखन इन्होंने किया। प्रेमचंद पर 22, प्रवासी साहित्य पर छह पुस्तकें एवं तीन प्रतिनिधि संकलन, अन्य लेखकों पर 20 पुस्तकें, साढ़े तीन सौ से अधिक लेख, शोध-पत्र प्रकाशित-संपादित कर चुके है। |
Latest revision as of 08:27, 12 September 2021
कमल किशोर गोयनका
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पूरा नाम | कमल किशोर गोयनका |
जन्म | 11 अक्टूबर, 1938 |
जन्म भूमि | बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | हिन्दी साहित्य |
भाषा | हिन्दी |
विद्यालय | दिल्ली विश्वविद्यालय |
शिक्षा | एम.ए., एम.फिल., प्रेमचंद पर पीएच.डी. एवं डी.लिट् |
पुरस्कार-उपाधि | व्यास सम्मान, 2014 ('प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन' हेतु) |
प्रसिद्धि | लेखक |
विशेष योगदान | प्रवासी हिन्दी साहित्य को एकत्रित करने, उनका अध्ययन एवं विश्लेषण करने में अहम भूमिका। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | डॉ. गोयनका ने हिन्दी साहित्य के बड़े साहित्यकारों में से एक मुंशी प्रेमचंद के लेखों का महत्वपूर्ण विश्लेषण किया है। मुंशी प्रेमचन्द पर उनकी अनेकों पुस्तकें व लेख प्रकाशित हो चुके हैं। |
अद्यतन | 13:57, 12 सितम्बर 2021 (IST)
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इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
कमल किशोर गोयनका (अंग्रेज़ी: Kamal Kishor Goenka, जन्म- 11 अक्टूबर, 1938, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश) हिन्दी के प्रख्यात लेखक हैं। वर्ष 2014 के लिए 24वें व्यास सम्मान से उन्हें सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें उनकी पुस्तक 'प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन' के लिए दिया गया। डॉ. गोयनका ने हिन्दी साहित्य के बड़े साहित्यकारों में से एक मुंशी प्रेमचंद के लेखों का महत्वपूर्ण विश्लेषण किया है। मुंशी प्रेमचन्द पर उनकी अनेकों पुस्तकें व लेख प्रकाशित हो चुके हैं। प्रवासी हिन्दी साहित्य को एकत्रित करने, अध्ययन एवं विश्लेषण करने में उनकी अहम भूमिका रही है। साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित 'प्रेमचन्द ग्रंथावली' के संकलन एवं सम्पादन में उनका विशेष योगदान है।
परिचय
कमल किशोर गोयनका दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए., एम.फिल., प्रेमचंद पर पीएच.डी. एवं डी.लिट् करने वाले, दिल्ली के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से अवकाश प्राप्त भारत के एकमात्र शोधार्थी रहे हैं। केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के आप उपाध्यक्ष रहे। देश-विदेश में प्रेमचंद स्कॉलर एवं प्रेमचंद विशेषज्ञ के रूप में इनकी ख्याति है। प्रेमचंद के जीवन, विचार तथा साहित्य पर दशकों से कमल किशोर गोयनका निरंतर कार्यरत हैं। हिन्दी में पहली बार प्रेमचंद की जीवनी का काल-क्रमानुसार लेखन इन्होंने किया। प्रेमचंद पर 22, प्रवासी साहित्य पर छह पुस्तकें एवं तीन प्रतिनिधि संकलन, अन्य लेखकों पर 20 पुस्तकें, साढ़े तीन सौ से अधिक लेख, शोध-पत्र प्रकाशित-संपादित कर चुके है।
प्रेमचंद के मूल दस्तावेज़, पत्र, डायरी, बैंक पास-बुक, फोटोग्राफ़, पाण्डुलिपि आदि लगभग तीन हज़ार दुर्लभ सामग्री का स्वयं संग्रहण आपने किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी अनुसंधान परिषद के आजीवन सदस्य रहे हैं। हिंदी अकादमी (दिल्ली), भारतीय भाषा परिषद (कोलकाता), उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, केंद्रीय हिंदी संस्थान (आगरा), व्यास सम्मान, हिन्दी प्रचारिणी सभा (मॉरिशस) से पुरस्कृत-समादृत होने के साथ ही प्रेमचंद शताब्दी वर्ष 1980 से अब तक लगभग सत्तर नगरों, विश्वविद्यालयों, अकादमियों, साहित्यिक संस्थाओं में आमंत्रित-सम्मानित हो चुके हैं।[1]
प्रकाशन
- प्रेमचंद के उपन्यासों का शिल्प विधान, 1974[1]
- प्रेमचंद-कुछ संस्मरण, 1980
- प्रेमचंद (पॉकेज बुक), 1980
- प्रेमचंद और शतरंज के खिलाड़ी, 1980
- प्रेमचंद – अध्ययन की नई दिशाएँ, 1981
- रंगभूमि – नए आयाम, 1981
- प्रेमचंद विश्वकोश, खंड एक - ‘प्रेमचंद का जीवन’, 1981
- प्रेमचंद विश्वकोश, खंड दो - ‘प्रेमचंद का जीवन’, 1981
- प्रेमचंद – चित्रात्मक जीवनी, 1986
- प्रेमचंद का अप्राप्य साहित्य (खण्ड दो), 1988
- प्रेमचंद की हिंदी-उर्दू कहानियाँ, 1990
- प्रेमचंद - रचना संकलन, साहित्य अकादेमी (भारत सरकार), नई दिल्ली, 1994
- प्रेमचंद के नाम पत्र, 2002
- प्रेमचंद - देश-प्रेम की कहानियाँ, 2002
- प्रेमचंद बाल साहित्य समग्र, 2002
- प्रेमचंद की अप्राप्त कहानियाँ, 2005
- प्रेमचंद पत्र-कोश, 2007
- प्रेमचंद - कहानी रचनावली (6 खंड), 2010
- प्रेमचंद – अनछुए प्रसंग, 2011
- प्रेमचंद – वाद, प्रतिवाद और समवाद, 2012
- प्रेमचंद – (मोनोग्राफ)
- प्रेमचंद – प्रतिनिधि संचयन
- प्रेमचंद – संपूर्ण दलित कहानियाँ
- प्रेमचंद – कालजयी कहानियाँ
- प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन, 2012
- ‘गोदान’ प्रथम संस्करण
- उर्दू ‘गऊदान’ हिंदी लिप्प्रयतरण
अन्य प्रकाशित पुस्तकें
- प्रभाकर माचवे – प्रतिनिधि रचनाएँ, 1984[1]
- अभिमन्यु अनत – एक बातचीत, 1985
- जगदीश चतुर्वेदी – विवादास्पद रचनाकार, 1985
- मन्मथनाथ गुप्त – प्रतिनिधि कहानियाँ, 1985
- जिज्ञासाएँ मेरी – समाधान बच्चन के, 1985
- रवीन्द्रनाथ त्यागी – प्रतिनिधि रचनाएँ, 1988
- हजारीप्रसाद द्विवेदी – कुछ संस्मरण, 1988
- विष्णु प्रभाकर – प्रतिनिधि रचनाएँ, 1988
- यशपाल – कुछ संस्मरण, 1990
- लघुकथा के प्रतिमान, 1998
- अभिमन्यु अनत – समग्र कविताएँ, 1998
- अभिमन्यु अनत – समग्र कविताएँ, 1999
- मॉरिशस की हिंदी कहानियाँ, 2000
- लघुकथा का व्याकरण, 2003
- दिनेशनन्दिनी डालमिया से बातचीत, 2002
- ब्रजेन्द्र कुमार भगत ‘मधुकर’ काव्य रचनावली, 2003
- मंजुल भगत – समग्र कथा साहित्य, 2008
- रवीन्द्रनाथ त्यागी एवं व्यंग्य रचनाएँ, 2008
- गांधी – पत्रकारिता के प्रतिमान, 2008
- हिंदी का प्रवासी साहित्य, 2008
- बालशौरि रेड्डी कथा रचनावली (4 खंड), 2012
पुरस्कार व सम्मान
- भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता का ‘नथमल भुवालका पुरस्कार’ से सम्मानित।[1]
- हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा दो बार पुरस्कृत एवं सम्मानित।
- भारत के कई महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, साहित्यिक-अकादमियों तथा संस्थाओं द्वारा प्रेमचंद संबंधी मौलिक कार्य के लिए सम्मानित।
- उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ का ‘साहित्य भूषण’ पुरस्कार, 1998
- केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा का पं. राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार (भारत सरकार), 2008
- स्व. विष्णु प्रभाकर पुरस्कार, बरेली, 2011
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार, साहित्य अकादमी, भोपाल, 2011
- अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच, कोलकाता द्वारा भावरमल सिंघी सम्मान
- के.के. बिड़ला फाउंडेशन का व्यास सम्मान, 2014
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3
डॉ. कमल किशोर गोयनका (हिंदी) m.sahityakunj.net। अभिगमन तिथि: 12 सितम्बर, 2021। Cite error: Invalid
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